डिंडौरी । जिले के होटल अनुराग रेजीडेंसी में मंगलवार को वसुंधरा संस्था के नेतृत्व में “सपोर्ट नेटवर्क्स एवं एलाइंस” की बैठक आयोजित की गई। बैठक में वन अधिकार अधिनियम (FRA) के इतिहास, व्यक्तिगत वन अधिकार (IFR), सामुदायिक वन अधिकार (CFR) तथा सामुदायिक वन संसाधन अधिकार (CFRR) प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक का मुख्य उद्देश्य विभिन्न संस्थानों और नेटवर्क्स के बीच समन्वय स्थापित कर कम से कम 50 गांवों में स्थानीय नेतृत्व तैयार करना रहा, ताकि ग्राम स्तर पर FRA संबंधी जानकारी का प्रसार और जागरूकता अभियान को गति दी जा सके।
मुख्य अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल श्रीवास्तव ने FRA के कानूनी पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, “वन अधिकार अधिनियम समुदायों की ताकत है। यदि ग्राम स्तर पर सही नेतृत्व और समझ विकसित हो तो CFR और CFRR प्रक्रिया से गांवों को स्थायी हकदारी मिल सकती है।”
इस अवसर पर समुदाय के प्रतिनिधियों ने भी अपनी समस्याएँ सामने रखीं।
इंदरपाल मरकाम ने कहा कि, “वनग्राम की सीमा निर्धारण को लेकर गांवों में कई अस्पष्टताएँ हैं। जब तक प्रशासन सीमाएँ स्पष्ट नहीं करेगा, तब तक CFR के दावे लागू नहीं हो पाएंगे।”
वहीं शिवचरण ने CFRR प्रक्रिया की धीमी गति पर असंतोष जताते हुए कहा कि, “ग्रामसभा से प्रस्ताव पारित होने के बाद भी कागज़ी कार्यवाही में अनावश्यक देरी हो रही है। प्रशासन को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।”
बैठक में जिले के विभिन्न नेटवर्क्स, सहयोगी संगठनों और ग्राम प्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी की। वसुंधरा टीम के मुकेश सेन ने कहा कि, “ऐसे संवाद समुदायों को जागरूक बनाने और उनके अधिकारों की रक्षा में अहम भूमिका निभाते हैं। आने वाले समय में इन चर्चाओं को ज़मीनी स्तर पर उतारने के लिए साझा प्रयास किए जाएंगे।”