समनापुर। जनपद मुख्यालय स्थित समनापुर स्वास्थ्य केंद्र की हालत बेहद दयनीय बनी हुई है। स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर यहां मरीजों को केवल ताले और इंतजार ही मिल रहा है। सुबह 10 बजे तक अक्सर केंद्र पर ताला लटका रहता है, जिससे इलाज के लिए आने वाले मरीज परेशान होकर लौट जाते हैं।
केंद्र में न तो नियमित डॉक्टर की तैनाती है और न ही पर्याप्त दवाइयों की उपलब्धता। महीनों से जांच उपकरण खराब पड़े हैं, जिनकी मरम्मत कराने की किसी को फिक्र नहीं है। स्टाफ की कमी का आलम यह है कि सामान्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों तक को समनापुर से डिंडौरी जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है।
ग्रामवासी संजय कुमार ने बताया कि सुबह किसी आपात स्थिति में अगर मरीज को लेकर आते हैं तो यहां ताला लटका मिलता है। मजबूरन मरीज को निजी वाहन से डिंडौरी ले जाना पड़ता है। गरीब आदमी कहां से इतना खर्च उठाए
वहीं सुमित्रा बाई ने कहा, यहां न तो समय पर डॉक्टर मिलते हैं और न ही दवाइयाँ। हमें निजी दवा दुकान से महंगी दवाइयाँ खरीदनी पड़ती हैं। सरकार अस्पताल तो बनवा देती है, लेकिन उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं।
ग्रामीणों ने मांग की है कि तत्काल डॉक्टरों की तैनाती की जाए, दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए और जांच उपकरणों को दुरुस्त कराया जाए, ताकि मरीजों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
– प्रशासन पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र की यह स्थिति नई नहीं है, बल्कि वर्षों से जारी है। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी केवल आश्वासन तक ही सीमित हैं। सवाल यह है कि जब जनपद मुख्यालय का अस्पताल ही भगवान भरोसे है तो दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की क्या हालत होगी
इनका कहना है,,,
स्वास्थ्य कर्मी सुबह 9 बजे तक आ जाते हैं। यदि कभी समय पर नहीं पहुंचते हैं तो मैं इस विषय में दिखवाता हूं।
प्रेमसिंह कुशराम, बीएमओ समनापुर