डिंडौरी। आदिवासी बाहुल्य जिले में शिक्षा के मंदिर कहलाने वाले सरकारी स्कूलों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। अधिकांश विद्यालय भवन बरसात के मौसम में पानी टपकने और जर्जर स्थिति के कारण बच्चों के लिए खतरा बने हुए हैं। ताजा मामला अमरपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत देवरी से सामने आया है, जहां माध्यमिक विद्यालय की छत अचानक भरभराकर गिर गई। हादसे में 4 छात्राएं घायल हो गईं, जिन्हें तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरपुर में भर्ती कराया गया।
घायल छात्राओं में नेहा नंदा, गायत्री नंदा, संगीता ठाकुर और अनन्या नंदा शामिल हैं। छात्राओं के सिर, कंधे और पीठ में गंभीर चोटें आई हैं। घटना के समय सभी छात्राएं कक्षा में अध्ययनरत थीं, तभी कमरे का लेंटर गिर पड़ा। अचानक हुई इस घटना से विद्यालय में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों और शिक्षकों की मदद से घायल छात्राओं को अस्पताल ले जाया गया।

ग्रामीणों का आरोप है कि विद्यालय भवन की जर्जर स्थिति की जानकारी पहले ही कई बार प्रबंधन को दी गई थी, लेकिन मरम्मत के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। उनका कहना है कि अगर समय रहते कार्यवाही होती तो आज यह हादसा टाला जा सकता था।
हादसे के बाद छात्राएं गहरे सदमे में हैं और अभिभावक अपने बच्चों को लेकर चिंतित हैं। सवाल यह है कि आखिर कब तक जिम्मेदारों के लापरवाही से बच्चों की जिंदगी खतरे में डाली जाएगी? बरसात के मौसम में जगह-जगह से टपकते पानी और गिरते मलबे के बीच पढ़ाई करने विद्यार्थी मजबूर है।
इस हादसे ने एक बार फिर जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की लापरवाही को उजागर कर दिया है। ग्रामीणों ने मांग की है कि जर्जर भवनों में तत्काल मरम्मत या नए भवन का निर्माण कराया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बच्चों की जान खतरे में न पड़े।
छत गिरने की यह घटना केवल देवरी विद्यालय तक सीमित नहीं है, बल्कि डिंडौरी जिले के कई सरकारी स्कूल भवन इसी तरह जर्जर स्थिति में हैं और किसी बड़े हादसे की आशंका हमेशा बनी रहती है।








