– उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश के न्यायधीश विशाल मिश्रा ने प्रकरण से खुद को अलग किया
जबलपुर। मध्यप्रदेश के अरबपति विधायक और खनन कारोबारी संजय पाठक के परिवार द्वारा अरबों रुपए का अवैध खनन करने का मामला सामने आया था, जानकारी के अनुसार 443 करोड़ रुपए वसूली की कार्रवाई प्रस्तावित है। अवैध खनन मामले में राहत पाने की उम्मीद से भाजपा विधायकसंजय पाठक ने हाईकोर्ट के जज से सीधे संपर्क बनाने की कोशिश की हैं। जज को फोन करने का मामला सामने आते ही सूबे की सियासत भूचाल आ गया है।
यह हैं मामला
भाजपा विधायक संजय पाठक पर आरोप है कि उन्होंने अपने परिवार की कंपनियों द्वारा किए जा रहे अवैध खनन मामलों से बचने के लिए हाईकोर्ट में सुनवाई कर रहे जस्टिस विशाल मिश्रा को सीधे फोन लगाया।

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जज द्वारा पारित आदेश के मुताबिक संजय पाठक ने जस्टिस मिश्रा से कहा कि – “इस प्रकरण में डिसकर्स करना है।” अदालत की गरिमा को देखते हुए जस्टिस विशाल मिश्रा ने सुनवाई के दौरान स्वयं आदेश में यह उल्लेख किया और मामले को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेज दिया हैं, उन्होंने आदेश में उल्लेख किया है कि इस मामले को मुख्य न्यायधीश के समक्ष रखा जाए ताकि मामले को उचित पीठ के समक्ष विचारार्थ सूची बद्ध किया जा सके ।
गौरतलब है कि विधानसभा में स्वयं मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया था कि संजय पाठक के परिवार की कंपनियों पर अवैध खनन का मामला दर्ज है और इनसे 443 करोड़ रुपए की वसूली की कार्रवाई की जा रही है।
अब विपक्ष और आमजन दोनों ही सवाल उठा रहे हैं कि जब विधायक के परिवार पर खनिज का अवैध खनन का गंभीर आरोप है और खुद मुख्यमंत्री अवैध खनन मान चुके हैं, तो क्या संजय पाठक विधायक पद पर बने रहने के योग्य हैं? हद तो यह है की अवैध खनन कारोबारी कार्रवाई से बचने के लिए हाईकोर्ट को साधने की कोशिश कर रहे हैं।








