जिले में महात्मा गांधी नरेगा से निर्मित गौशालाओं में गौवंश की रख-रखाव की समीक्षा कलेक्टर नेहा मारव्या द्वारा समय-सीमा बैठक में की गई। जिले में निर्मित गौशालाओं में गौवंश का रख-रखाव करने तथा निराश्रित गौवंश को गौशालाओं तक पहुंचाने की व्यवस्था करने के निर्देश समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, मुख्य नगर पंचायत अधिकारी एवं पशुपालन विभाग के अधिकारी को दिये।
कलेक्टर ने निर्देशित किया कि सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गौशालाओं का निरीक्षण आजीविका मिशन के विकासखण्ड प्रबंधक के साथ करते हुये स्व-सहायता समूह को सक्रिय करें। जिले में कोई भी निराश्रित गौवंश सडकों पर घूमता न पाया जाए, इसके लिये शासन द्वारा गौशाला एंव चारा भूसा की समुचित व्यवस्था की गई है। ग्राम पंचायतों एवं नगर पंचायत मे मुनादी कराते हुये निराश्रित गौवंश का चिंहाकन एक सप्ताह मे किया जाकर सभी निराश्रित गौवंश को गौशालाओं में पंहुचाया जाना सुनिश्चित किया जाए।
जिले के प्रत्येक विकासखण्ड में सौ-सौ पशुओं की क्षमता वाली गौशालाएं निर्मित है। जनपद पंचायत अमरपुर में किसलपुरी, बजाग में करोपानी, डिण्डौरी में रूसामाल, करंजिया में मौहत्तरा, मेंहदवानी में डोकरघाट, समनापुर में मुकुटपुर और शहपुरा में केंहेजरा में महात्मा गांधी नरेगा से वर्ष 2019-20 में गौशाला का निर्माण एवं चारागाह की व्यवस्था की गई है। पशुपालन विभाग, गौसंवर्धन बोर्ड द्वारा प्रत्येक गौशाला में सौ पशु होने पर चालिस रूपये प्रति पशु के मान से चारा भूसा के लिये सहायता प्रदान की जाती है और एनआरएलएम के स्व-सहायता समूह के सदस्यों को मनरेगा से पशुओं के रख-रखाव करने पर मजदूरी भी दी जाती है।