– जिस एलईडी की बाजार कीमत हैं हजार रुपए, उसका 10 हजार रुपए का कर रहे भुगतान
– डिंडौरी जिले की ग्राम पंचायतों से अब तक 2 करोड़ का हुआ भुगतान
मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में ग्राम पंचायतों द्वारा सोलर लाईट और स्ट्रीट लाइट खरीदी के नाम पर इन दिनों कमीशनखोरी का खेल बेधड़क चल रहा है। गांव और ग्रामीणों के बुनियादी और बौद्धिक विकास के लिए आवंटित पांचवें वित्त की राशि का खुलेआम बंदरबांट किया जा रहा है। वहीं निगरानी कर्ता अधिकारी मूकदर्शक बनकर बंदरबाट का तमाशा देख रहे हैं।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार सोलर लाईट, स्ट्रीट लाइट के सप्लायर गांव गांव घूमकर पंचायतों से संपर्क कर 40 फीसदी तक कमीशन देने के एवज में गुणवत्ता हीन स्ट्रीट लाइट सप्लाई कर रहे हैं। कुछ सरपंचों ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि ठेकेदार द्वारा स्वयं भोपाल से टीएस और मूल्यांकन कराने का दावा किया जाता है, सरपंच, सचिव को किसी भी तरह का कार्य करना नहीं पड़ता है, सब कागजी कार्यवाही ठेकेदार कराता है, पंचायत की जिम्मेदारी सिर्फ भुगतान करने की हैं। गौरतलब है कि अब तक डिंडौरी जिले की 40 ग्राम पंचायतों द्वारा स्ट्रीट लाइट खरीदी कर भुगतान किया गया है।
ठेकेदार और सरपंच, सचिव के मिलीभगत से शासन की राशि का खुलेआम दुरूपयोग किया जा रहा है,स्ट्रीट लाइट खरीदी प्रक्रिया में मध्यप्रदेश भंडार क्रय नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है, वहीं ऊर्जा विभाग द्वारा जारी मापदंडों को भी ठेंगा दिखा रहे हैं। सूत्रों की माने तो ग्राम पंचायतों द्वारा खरीदे गए स्ट्रीट लाइटों की कीमत महज 1000- 1200 रु है लेकिन कमीशन के खेल में एक नग स्ट्रीट लाइट की 10- 10हजार रुपए का भुगतान किया जा रहा है।