– शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण/स्थानांतरण निरस्त होने से शिक्षा व्यवस्था बेहाल
– जनप्रतिनिधि स्वागत वंदन और माला पहनने पर व्यस्त, बच्चों के भविष्य पर स्वार्थी राजनीति का ग्रहण..?
मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में जिला प्रशासन द्वारा बदहाल शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने युक्तियुक्तकरण, संलग्नीकरण और प्रशासनिक दृष्टि शिक्षक विहीन विद्यालयों में लंबे समय बाद शिक्षकों की पदस्थापना की गई थी, लेकिन शिक्षा व्यवस्था में कसावट की यह प्रक्रिया भी स्वार्थ की राजनीति की भेंट चढ़ गई, राज्य शासन द्वारा जारी एक आदेश के चलते एक झटके में 103 विद्यालय शिक्षक विहीन हो गए वही 396 विद्यालय में अब सिर्फ एक ही शिक्षक पदस्थ हैं। इस तरह राजनीति और टकराव के चलते शिक्षण सत्र बर्बादी की भेंट चढ़ता हुआ नजर आ रहा है।
जिला प्रशासन द्वारा लगभग 3 माह के गहन मंथन के बाद स्थानांतरण आदेश जारी किए गए थे, किंतु मध्यप्रदेश शासन जनजातीय कार्य विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा 21 अगस्त को आदेश जारी कर कलेक्टर, जनजातीय कार्य विभाग, जिला डिंडौरी द्वारा जारी आदेशों को निरस्त कर दिया गया है जिससे जिले की शिक्षा जगता में अफरा तफरी और अव्यवस्था चरम पर हैं।
जनसुनवाई में कार्यालय कलेक्टर ,जनजातीय कार्य, विभाग ,जिला डिंडौरी के आदेश क्रमांक 478 दिनांक 17.06.2025 को यथावत रखने की मांग को लेकर कठौतिया शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में अध्यनरत छात्र – छात्राओं के पालकगण जनसुनवाई में पहुंच कर स्थानांतरण यथावत रखने की गुहार लगाया है।
आवेदन में उल्लेख है कि कार्यालय कलेक्टर (जनजातीय कार्य) जिला डिंडौरी के आदेश क्रमांक 479 दिनांक 17.06.2025 में दिये आदेश में शा.उ. मा. वि. कठोतिया एवं शा.उ. मा. वि.सारसडोली में नियुक्त किये गये उच्च माध्यमिक शिक्षकों को यथावत रखा जाए।
ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व में शा. उ. मा. वि कठोतिया पदस्थ उच्च मा० शिक्षक चरणलाल मरावी (प्रभारी प्राचार्य) का प्रबंधन एवं कार्य करने की शैली निकृष्टतम थी। जिसके परिणाम स्वरूप विद्यालय में अराजकता का वातावरण निर्मित हो गया था। छात्र/छात्राओं एवं शिक्षकों को उचित मार्गदर्शन एवं नियंत्रण करने की क्षमता की पूरी कमी थी। ऐसी स्थिति में विद्यालय का शैक्षणिक स्तर एवं अनुशासन पूरी तरह से समाप्त हो गया था। जिसका खामियाजा ग्रामीणों और भोले-भाले छात्र/छात्राओं और अभिभावकों को भुगतना पड़ रहा है।
इनके कार्यकाल में छात्र/छात्राएँ विद्यालय समय में जंगल पहाड़ में एवं किक्कर कुण्ड जलप्रपात में जाकर अश्लील हरकतें करते पाये गये, जिनको विद्यालय के शिक्षकों एवं अधिकारियों और जनपद अध्यक्ष के द्वारा वापस विद्यालय लाया गया,यह कई बार हुआ लेकिन चरण मरावी प्रभारी प्राचार्य के द्वारा कोई सुधार नहीं किया गया ।
स्थानांतरण उपरांत रामकुमार चंदौल उ.मा. शिक्षक (प्रभारी प्राचार्य) ने जब शा. उ.मा.वि. कठौतिया में अपना कार्यभार ग्रहण करने के एक सप्ताह के अंदर ही विद्यालय में अध्यनरत छात्र/छात्राओं एवं शिक्षकों में परिवर्तन साफ दिखाई देने लगा। सभी शिक्षक एवं छात्र/छात्राएँ समय पर विद्यालय आने लगे एवं पूरी तरह से अनुशासित रहकर अध्ययन करने लगे साथ ही विद्यालय में उत्पन्न अराजकता का वातावरण समाप्त होता नजर आ रहा है। जिससे छात्र/छात्राओं एवं अभिभावकों में खुशी का लहर दिखाई देने लगी है।
लेकिन मध्यप्रदेश शासन जनजातीय कार्य विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक 6/1/1/0010/2025/ED-ESTB-CTD/E-71-7340 भोपाल दिनांक 21.08.2025 के तहत स्थानांतरण आदेश निरस्त होने से शा. उ.मा. वि. कठौतिया के छात्र/छात्राओं एवं अभिभावकों में निराशा का वातावरण निर्मित हो गया है, जिससे अभिभावक अपने छात्र/छात्राओं को लेकर एक बार पुनः चिंतित हो गये हैं। जनसुनवाई में पहुंचे ग्रामीण और पालकों ने कलेक्टर से गुहार लगाई है कि शा.उ.मा.वि.कठोतिया में
रामकुमार चंदौल उ.मा.शिक्षक (प्रभारी प्राचार्य) एवं शा.उ.मा. वि. सारसडोली के चरण मरावी उ. मा. शिक्षक (प्रभारी प्राचार्य) को यथावत रखने की मांग की है।