– पहले कागजों में बना पंचायत भवन, शासन को गुमराह कर फिर से स्वीकृत हुआ 37 लाख का भवन
डिंडौरी। जिले के समनापुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत बंजरा में भ्रष्टाचार का चौंकाने वाला मामला उजागर हुआ है। वर्ष 2010-11 में पंचायत भवन का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया था, लेकिन उस समय के सरपंच महर सिंह तेकाम और सचिव प्रेमसिंह द्वारा भवन को केवल कागजों में पूर्ण दिखाकर लाखों रुपए का बंदरबांट कर लिया गया। गाँव में आज तक भवन अस्तित्व में नहीं है, जबकि कागजों में इसे पूर्ण दर्शा दिया गया था।
अब एक बार फिर ग्राम पंचायत बंजरा द्वारा शासन को गुमराह कर नियम विरुद्ध प्रस्ताव पारित कर लगभग 37 लाख रुपए की स्वीकृति पंचायत भवन निर्माण हेतु जारी करा ली गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान सरपंच महर सिंह तेकाम और सचिव ज्ञान सिंह दुर्वासा ने शासन को यह शपथ पत्र देकर गुमराह किया कि ग्राम पंचायत में अब तक कोई पंचायत भवन स्वीकृत नहीं हुआ है। इस तरह, पहले स्वीकृत भवन की राशि का दुरुपयोग करने के बाद अब दोबारा भवन हेतु बजट प्राप्त कर लिया गया।
विभाग की प्राथमिकता का हुआ दुरुपयोग
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा उन ग्राम पंचायतों को प्राथमिकता दी जाती है जहाँ पंचायत भवन नहीं है, लेकिन बंजरा पंचायत में गुमराह कर इस योजना का लाभ दो बार ले लिया गया।
ग्रामीणों में आक्रोश – जाँच की माँग
ग्रामवासियों का कहना है कि यह खुला भ्रष्टाचार है। पहले भी भवन की राशि हड़प ली गई और अब दोबारा राशि स्वीकृत कराई गई है। ग्रामीणों ने शासन से तत्काल उच्च स्तरीय जाँच और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की माँग की है।