– वायदों में दबी 32 करोड़ की योजना, डिंडौरी की जनता भुगत रही भ्रष्टाचार की सजा
मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में नगर परिषद डिंडौरी की जनता आज भी उस 32 करोड़ की महत्वाकांक्षी सीवरेज योजना से वंचित है, जिसकी सौगात प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 24 जनवरी 2018 को दी थी। योजना की समय सीमा 24 माह रखी गई थी, लेकिन सात वर्ष बीत जाने के बाद भी नगर के 15 वार्डों में सीवर लाइन और चेम्बर निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा है।
जनप्रतिनिधियों और नगरवासियों का कहना है कि इस योजना में शुरू से ही भ्रष्टाचार और भारी अनियमितताओं का बोलबाला रहा। पहले रायपुर की कंपनी को काम सौंपा गया था, लेकिन वह बीच में ही काम छोड़कर चली गई। इसके बाद विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने पहल कर अर्बन डेवलपमेंट विभाग के अधिकारियों से बैठक कराई और दो माह का अल्टीमेटम दिया कि अगर काम शुरू नहीं हुआ तो कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। इसके बाद गुजरात के ठेकेदार सुमित दुद्धत ने काम तो शुरू किया, लेकिन धीमी गति और अव्यवस्थित तरीके से, जिससे नगरवासियों की समस्याएं और बढ़ गईं।
नगर परिषद में विपक्ष के नेता ज्योतिरादित्य भलावी ने लगातार पत्राचार कर ठेकेदार की लापरवाहियों की शिकायत दर्ज कराई। उनका कहना है कि सीवर लाइन कार्य की वजह से आवागमन बाधित है, सड़कों की हालत जर्जर हो गई है और ठेकेदार की मनमानी के चलते जनता त्रस्त है। वहीं, कांग्रेस युवा नेता एवं समाजसेवी बेटू मरकाम ने भी परिषद पहुंचकर उच्चाधिकारी सीएमओ को ज्ञापन सौंपा।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि बारिश के दिनों में गली-मोहल्लों में हालात और बिगड़ जाते हैं, जिससे आमजन का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अगर दो माह के भीतर ठेकेदार द्वारा सड़कों की मरम्मत और सीवर लाइन कार्य को व्यवस्थित नहीं किया गया, तो कांग्रेसजन ठेकेदार के बनाए सीवर कैंप को ताला लगाकर खुद शील करेंगे और न्यायालय की शरण लेंगे।
नगर के वाशिंदों का सवाल साफ है कि आखिर करोड़ों की इस योजना का लाभ उन्हें कब मिलेगा और उनकी मूलभूत सुविधाओं को कब बहाल किया जाएगा। फिलहाल नगर में गुस्सा और आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है।