मध्यप्रदेश शासन जनजातीय कार्य विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा 21 अगस्त 2025 को जारी आदेश क्रमांक /1/1/41/0010/2025/ED-ESTB-CTD/E-717340 के तहत जिला स्तर से जारी 03 प्राचार्य एवं 12 उच्च माध्यमिक शिक्षकों के प्रशासनिक स्थानांतरण, 438 अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना एवं 139 छात्रावास अधीक्षकों की पदस्थापना के आदेश निरस्त कर दिए गए हैं।
शासन की स्थानांतरण नीति वर्ष 2025 के अनुसार यह स्पष्ट किया गया है कि किए गए स्थानांतरण नीति अनुरूप तथा निर्धारित प्रतिशत के अंतर्गत थे, जबकि 438 अतिशेष शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण शासन के निर्देशानुसार किया गया था, जिसका स्थानांतरण नीति से कोई संबंध नहीं है। जिला प्रशासन का कहना है कि उक्त आदेश के प्रभाव से जिले की अधिकांश शालाएँ पुनः एक शिक्षकीय अथवा शिक्षक विहीन हो जाएंगी।
पूर्व में किए गए युक्तियुक्तकरण से जिले की 103 शालाएँ शिक्षक विहीन एवं 396 शालाएँ एक शिक्षकीय स्थिति में थीं, जिन्हें सुधारने में 2 से 3 माह का समय लगा था। यदि अब बीच सत्र में पुनः यह प्रक्रिया की जाती है तो शैक्षणिक सत्र 2025-26 प्रभावित होगा और अधिकांश शिक्षकों की पदस्थापना उनके विकल्प अनुसार नहीं हो सकेगी।
इस स्थिति से शिक्षकों द्वारा न्यायालयीन याचिकाएँ एवं अभ्यावेदन प्रस्तुत किए जाने की भी संभावना है, जिससे आगामी दो माह और नष्ट होंगे और जिले की शैक्षणिक व्यवस्था अव्यवस्थित हो जाएगी।
इसी को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर डिंडोरी ने प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग, मध्यप्रदेश शासन को संपूर्ण परिस्थिति पर पुनर्विचार कर मार्गदर्शन प्रदान करने का प्रतिवेदन प्रेषित किया है।
सारसताल हाईस्कूल में विगत 4 वर्षों से कोई भी नियमित शिक्षक नहीं थे, परंतु इस वर्ष युक्तियुक्तकरण से नियमित शिक्षकों की पदस्थापना की गई है, इसी प्रकार प्रा. शा. रामनगर, न. मा. शा. मोहगांव, प्रा. शा. कुटेला, मा. शा. किवाड़ जैसे अन्य कई शून्य शिक्षकीय विद्यालयों में युक्तियुक्तकरण द्वारा शिक्षकों की पदस्थापना सुनिश्चित की गई है।