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कलेक्टर के निरीक्षण में खुली गुणवत्ता की पोल: नव निर्मित आंगनबाड़ी केंद्र में टपक रहा पानी, छात्रावास का अमानक निर्माण को लेकर जांच समिति गठित

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– कलेक्टर ने छात्रावासों, शालाओं और आंगनवाड़ी केंद्रों का किया औचक निरीक्षण

डिंडौरी न्यूज । कलेक्टर श्रीमती नेहा मारव्या ने बुधवार को विकासखंड बजाग के अंतर्गत शासकीय संस्थाओं, छात्रावासों और आंगनवाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान विकासखंड बजाग के ग्राम पंचायत कार्यालय, माध्यमिक शाला, हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी विद्यालय, छात्रावास और आंगनवाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया ।

कलेक्टर श्रीमती मारव्या ने आदिवासी सीनियर बालक छात्रावास बोंदर का औचक निरीक्षण किया, जहां छात्रावास अधीक्षक श्री मदन सिंह कुशराम अनुपस्थित पाए गए। निरीक्षण के दौरान रसोई कक्ष, आवास कक्ष और कार्यालय कक्ष का अवलोकन किया, जिसमें भोजन सामग्री की गुणवत्ताहीन पाई गई तथा निरीक्षण के समय छात्रावास में एक भी छात्र उपस्थित नहीं पाए गए। छात्रावास में साफ-सफाई और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जांच पीएचई के द्वारा छत पर रखी पानी की टंकी की जांच की गई, जिस पर कलेक्टर श्रीमती नेहा मारव्या ने असंतोष जताते हुए सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग को छात्रावास अधीक्षक के स्थान पर नवीन पदस्थापना करने के निर्देश दिए। साथ ही साथ खाद्य सामग्री गुणवत्ताहीन पाये जाने पर एसडीएम और सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग को जांच कर दो दिवस में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर श्रीमती नेहा मारव्या ने प्राथमिक शाला डुमरटोला, ग्राम पंचायत घोपतपुर स्थित आंगनवाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया। प्राथमिक शाला में उपस्थित छात्र-छात्राओं से शिक्षा का स्तर जानने के लिए पाठ्यपुस्तकों से प्रश्न पूछे और शिक्षकों को नियमित रूप से टाइम टेबल के अनुसार पढ़ाने के निर्देश दिए। आंगनवाड़ी केंद्र निरीक्षण में पाया गया कि नवीन भवन होने के बावजूद छत से पानी टपक रहा है। कलेक्टर ने डीपीसी कार्यालय के सहायक यंत्री और एसडीएम बजाग को तकनीकी जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए और स्पष्ट किया कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता की कमी पाए जाने पर संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।

इसके बाद कलेक्टर श्रीमती नेहा मारव्या ने ग्राम पंचायत सरवाही में सात वर्षों से निर्माणाधीन कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास का निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान देखा गया कि छात्रावास की छत से पानी टपकना, छत का लेवल असंतुलित पाया गया। सीढ़ियाँ छोटी-बड़ी और भवन के खम्भे भी असमान आकार, शौचालय में खिड़कियाँ न होना, रसोई कक्ष में पानी भरना, दूसरी मंजिल पर वर्षाजल निकासी की व्यवस्था न होने से पानी का रिसाव होना। जिससे निर्माण एजेंसी की लापरवाही प्रकट होती है। एवं कार्य में लापरवाही के कारण सात वर्षों में भी छात्रावास का निर्माण पूर्ण नहीं हो पाया। कलेक्टर श्रीमती नेहा मारव्या ने एसडीएम, पीडब्ल्यूडी एसडीओ, सीईओ जनपद पंचायत बजाग, डीपीसी और सहायक यंत्री की टीम गठित कर तीन दिवस में गुणवत्ता, मापदंड की जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। जिसके आधार पर ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट कर रिकवरी की कार्यवाही की जा सकेगी।

कलेक्टर ने वहीं पर स्थित पुराने कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास का भी औचक निरीक्षण किया। जहां पर अधीक्षक ने बताया यह छात्रावास 50 सीटर है, जबकि वर्तमान 200 सीटर कर दिया गया है। जहां पर 192 छात्राएं निवास कर रही हैं। निरीक्षण के दौरान रसोई कक्ष, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, बिस्तर और साफ-सफाई की स्थिति का अवलोकन किया। कलेक्टर ने छात्रावास अधीक्षक को मच्छरदानी, खिड़कियों में जाली लगाने, बच्चों के बिस्तर सुव्यवस्थित रखने और साफ-सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि किसी भी छात्रा की पढ़ाई-लिखाई में कोई बाधा न आए। कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोई भी नया भवन तब तक निर्माण एजेंसी से हैंडओवर न लिया जाए, जब तक उसमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और सभी गुणवत्ता मानक पूरे न हों।