– न्यायालय से मिली आंशिक राहत
डिंडौरी न्यूज़ । जिले में हाल ही में हुए प्रशासनिक एवं स्वैच्छिक स्थानांतरण, युक्तियुक्तकरण के साथ शिक्षकों की थोक में पदस्थापना ने न केवल शैक्षणिक व्यवस्था को प्रभावित किया, बल्कि स्वयं शिक्षकों को भी गहरे संकट में डाल दिया है। सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग डिंडोरी द्वारा 3 जुलाई 2025 को जारी आदेश के बाद 4 जुलाई को जिले के अनेक शिक्षकों को एकतरफा कार्यमुक्त कर दिया गया।
स्थानांतरित शिक्षकों में से कई ने तो नवीन विद्यालयों में योगदान दे दिया, किंतु अधिकांश शिक्षक मेडिकल अवकाश पर चले गए और न्यायालय की शरण ली। न्यायालय ने शिक्षकों को आंशिक राहत देते हुए कई स्थानांतरण आदेशों को निरस्त कर दिया, वहीं अन्य मामलों में कलेक्टर एवं सहायक आयुक्त को अंतिम निर्णय का अधिकार सौंपा गया है।
स्थानांतरण आदेशों में उल्लेख है कि नवीन शाला से ही शिक्षकों की अवकाश पात्रता एवं वेतन आहरण मान्य होगा। इस स्थिति में जब तक न्यायालय और प्रशासनिक निर्णय स्पष्ट नहीं होते, तब तक शिक्षकों का जुलाई माह का वेतन अटका हुआ है। इससे न केवल शिक्षकों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि छात्रों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है।
स्थानीय शिक्षकों का कहना है कि त्योहारी सीजन और बरसात के मौसम में यह वेतन संकट उनके लिए मानसिक और पारिवारिक दोनों स्तरों पर समस्याजनक है। अब इस पूरे मामले का समाधान सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग डिंडोरी एवं कलेक्टर के निर्णय पर निर्भर करता है।