– गौवंश आधारित जैविक खेती से भूमि, पर्यावरण और स्वास्थ्य में होगा सुधार – बिहारी लाल साहू
डिंडौरी न्यूज । शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करौंदी में व्यावसायिक शिक्षा (ट्रेड – कृषि) के अंतर्गत अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को गौवंश आधारित जैविक एवं प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य विद्यार्थियों को पारंपरिक कृषि के साथ-साथ आधुनिक, टिकाऊ और पर्यावरण-सम्मत खेती के तरीकों से अवगत कराना रहा।
कार्यक्रम में नर्मदांचल गौ सेवा समिति के अध्यक्ष एवं जैविक कृषि विशेषज्ञ बिहारी लाल साहू द्वारा विद्यार्थियों को जैविक खेती के विभिन्न पहलुओं पर व्यावहारिक जानकारी दी गई। उन्होंने केंचुआ खाद, बीजोपचार, जीवामृत, अग्नि अस्त्र जैसे जैविक संसाधनों के उपयोग और निर्माण की विधि समझाई।
बिहारी लाल साहू ने कहा कि “गौवंश आधारित प्राकृतिक खेती न केवल मृदा की उर्वरता बढ़ाती है, बल्कि पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। आदिवासी बहुल डिण्डौरी जैसे क्षेत्रों में यह खेती स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता का सशक्त माध्यम बन सकती है।”
विद्यालय के प्राचार्य शिवचरण सिंह आर्मो, व्यावसायिक कृषि शिक्षक श्यामजी साहू और समस्त स्टाफ की उपस्थिति में यह प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में कृषि ट्रेड के लगभग 80 छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे, जिन्होंने प्रशिक्षण में रुचि लेकर भविष्य में जैविक खेती को अपनाने की इच्छा व्यक्त की। यह पहल विद्यार्थियों को न केवल कृषि कार्यों में दक्ष बनाएगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और रोजगारोन्मुखी भी बनाएगी।