डिंडौरी न्यूज़। शैक्षणिक जगत में डॉ. मेघा परस्ते ने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से एक नई पहचान बनाई है। वर्ष 2025 में उन्होंने प्रतिष्ठित मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की सहायक प्राध्यापक (Life Science)2022 (Assistant Professor) की परीक्षा में सफलता प्राप्त की, जो कि एक कठिन प्रतियोगी परीक्षा मानी जाती है। वर्ष 2022 में आपके द्वारा मध्यप्रदेश राज्य पात्रता परीक्षा जो की MPPSC आयोग लेता है उसको भी उत्तीर्ण किया।
डॉ. परस्ते ने 2024 में बॉटनी (वनस्पति विज्ञान) विषय में प्रेरणा स्त्रोत ए के खान सर तथा डॉ जी एस साण्डया के मार्गदर्शन में पीएच.डी. की उपाधि शम्भूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय शहडोल से प्राप्त की, जिससे उनके शैक्षणिक योगदान को और भी बल मिला। उन्होंने पिछले 11 वर्षों में बतौर अतिथि विद्वान (Guest Faculty) के रूप में बालाघाट एवं डिंडौरी जिले में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने में एक शिक्षक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उनका समर्पण और छात्रों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उन्हें शिक्षण जगत में एक आदर्श बनाती है। उनके छात्र हमेशा उन्हें एक प्रेरणादायक शिक्षिका के रूप में देखते हैं। शिक्षा जगत में डॉ. मेघा परस्ते की यह यात्रा न केवल युवाओं के लिए प्रेरणा है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि प्रयास और लगन से किसी भी मुकाम को पाया जा सकता है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता स्व जे.इस. परस्ते, माता श्रीमति उर्मिला परस्ते (सेवानिवृत्त शिक्षिका), अपने पति श्री नितिन कुमार उइके (वन विभाग) एवं अपनी बेटी नवधा को दिया जिनके प्रेरणा से सभी कठनाई को पार कर सफलता अर्जित की।