– बजाग जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत शोभापुर का मामला
– तकनीकी अधिकारियों ने मोटी कमीशन लेकर अनुपयुक्त स्थलों पर स्वीकृत किया पुलिया
डिंडौरी न्यूज। बजाग जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत शोभापुर में तकनीकी अधिकारियों ने पद का दुरुपयोग करते हुए पहाड़ और समतल मैदान पर 15 – 15 लाख रुपए की लागत की पुलिया निर्माण स्वीकृत करते हुए सरकारी धन का दुरुपयोग करते हुए मोटी रकम कमा रहे हैं। कार्य स्वीकृत से लेकर मूल्यांकन और कार्य पूर्णतः प्रमाणपत्र जारी किए जाने तक उपयंत्री, सहायक यंत्री 20 प्रतिशत कमीशन लेकर खुलेआम भ्रष्टाचार कर रहे हैं।

शासन की दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य स्वीकृत करने से पहले तकनीकी अधिकारियों द्वारा स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन, कार्य की आवश्यकता और उपयोगिता को लेकर रिपोर्ट तैयार किया जाता है, जिससे शासन की राशि का अपव्यय न हो। लेकिन जब जिम्मेदार ही निर्माण कार्यों की आड़ में मोटी कमाई करने की योजना चला रहे हों तब आखिर कौन शासन के दिशा निर्देशों का पालन कराएगा।

बजाग जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत शोभापुर में ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां तकनीकी अधिकारियों ने समतल मैदान में 14.99 लाख रुपए की लागत से पुलिया निर्माण कराते हुए शत प्रतिशत भुगतान कर दिया, जिसका टी एस क्रमांक 12/07/2023 है जबकि कार्य स्थल पर नाला या नदी नहीं हैं, बगैर आवश्यकता जबरन लाखों रुपए का दुरुपयोग किया गया है, पुलिया के ऊपर कांक्रीट स्लैब तक नहीं डाला गया है, बेस डेढ़ मीटर खुदाई करने का प्रावधान है लेकिन एक फिट भी गड्ढा नहीं की गई है, यदि मापपुस्तिका और कार्यस्थल का भौतिक सत्यापन कराया जाए तो रिकॉर्ड में 100 फीसदी काम और धरातल में सिर्फ 40 फीसदी काम कर फर्जीवाड़े के जरिए लाखों रुपए हड़पने का राज खुल सकता हैं। एक बार फिर 2024 में नान बाई टोला में पहाड़ी के ऊपरी सतह पर तीन रो की पुलिया निर्माण हेतु 14.99 हजार रुपए स्वीकृत कर शासकीय धन का बंदरबांट करने की तैयारी है।

ग्रामीणों ने बताया कि यहां कभी पानी नहीं ठहरता है, बिना मतलब के पहाड़ी को काटकर गुणवत्ता हीन पुलिया का निर्माण कराते हुए सरपंच , सचिव और राय ठेकेदार द्वारा अधिकारियों के संरक्षण में मनरेगा योजना को पलीता लगा रहे हैं। साइड वाल की महज एक फिट खुदाई कराया गया है, जिसमें बड़े बड़े बोल्डर भरा गया है, पाइप के नीचे बगैर बेस पाइप लगाया गया है, पूर्व में उक्त मामले को प्रमुखता से प्रसारित कर शासन प्रशासन को आगाह किया गया था लेकिन अधिकारियों की नींद अभी तक नहीं खुली, और शासन के लाखों रुपए की बर्बादी का तमाशा देख रहे हैं।

– मनरेगा स्कीम को बनाया मोटी कमाई जरिया
यूं तो पुलिया का निर्माण पानी निकासी या नदी नाले में कराए जाने का प्रावधान है लेकिन जब कमीशनखोरी की लत लग जाए तो जिम्मेदार कही भी ढांचे बनाने में परहेज नहीं करते, क्योंकि उन्हे यह अच्छे से मालूम होता है की कराए गए निर्माण कार्य की कोई उपयोगिता नहीं है, न ही यहां कभी जलभराव की स्थिति बनेंगी, जिसके चलते घटिया निर्माण कार्य करा कर कागजों में पूर्ण मूल्यांकन कर मोटी कमाई कर रहे हैं। इतना ही नहीं उपयंत्री आनंद उईके पूर्व में पदस्थ रहे दुसरे जिले के चहेते फर्मों के बिलों पर लाखों रुपए कमीशन भी ले रहें हैं।

– तकनीकी अधिकारियों की जवाबदेही तय हो
बजाग जनपद पंचायत का तकनीकी अमला निर्माण कार्यों की स्वीकृति कर सरकारी योजनाओं को चारागाह बनाए हुए हैं। शोभापुर में समतल मैदान पर 15 लाख की पुलिया और पहाड़ी की चोटी पर 15 लाख रुपए की पुलिया स्वीकृत करने वाले तकनीकी अधिकारियों की जवाबदेही तय कर दुरुपयोग की गई राशि वसूली किया जाना चाहिए।

इनका कहना है,,
कार्य की आवश्यकता अनुसार मेरे द्वारा पुलिया निर्माण स्वीकृत किया गया है, पहाड़ में पुलिया निर्माण करने में क्या समस्या है।
– बीएस तिलगाम, प्रभारी सहायक यंत्री, जनपद पंचायत बजाग







