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Dindori Today News: बरेंडा के पीड़ितों को 50 लाख मुआवजा और काबिज भूमि का पट्टा दें सरकार,वर्ना 10 राज्यों के आदिवासी..जयस संरक्षक डॉ.हीरालाल अलावा ने दी चेतावनी

akvlive.in

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– पीड़ितों के साथ न्याय नहीं हुआ तो पूरे देश के आदिवासी करंजिया में करेंगे आंदोलन 

– बरसात में उजाड़े आदिवासियों के घर, महा आंदोलन कर राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन, न्याय की लगाई गुहार

Dindori Today News, डिंडौरी न्यूज़। विगत दिनों करंजिया वन परिक्षेत्र अंतर्गत बरेंडा गांव में सदियों से वन भूमि पर काबिज 40 बैगा आदिवासी परिवारों को अवैध घोषित करते हुए भरे बरसात अतिक्रमण हटाने के नाम पर उनके घरों पर बुलडोजर चलाकर उजाड़ दिया गया था। वन विभाग ने 122 हेक्टेयर वन भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाने का दावा किया था।

आदिवासियों को उजाड़ने के विरोध में विकास खंड मुख्यालय करंजिया में जयस संगठन के आह्वान पर सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले महा आंदोलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ बाबा साहब अम्बेडकर, बिरसा मुंडा, का तिलक वंदन कर किया गया। महा आंदोलन में प्रदेश के कई सामाजिक संगठनों के मुखिया मौजूद रहे।

सभा को संबोधित करते हुए संगीता मरावी ने कहा कि आजादी और संविधान लागू होने से पहले ही आदिवासी जल जंगल में निवासरत है, लेकिन स्वतंत्र भारत में अमानवीय तरीके से आदिवासियों को उजाड़ा जा रहा है। रामनारायण कुरारिया, आदिवासी अधिकार मंच ने संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासियों को बांधो के नाम पर, अभ्यारण के नाम पर तो कभी प्रोजेक्ट के नाम पर उजाड़ने का काम किया जा रहा है, सरकार पशुओं को बसाने के नाम आदिवासियों को विस्थापित करती हैं क्या आदिवासियों की हैसियत जानवरों से भी कम है।

मनावर विधायक डाक्टर हीरालाल अलावा ने संबोधित करते हुए कहा कि वन अधिकार अधिनियम 2005 के अनुसार जो भी व्यक्ति 13 दिसंबर 2005 तक जिस भूमि पर काबिज है उन्हें पट्टा देने का प्रावधान है, लेकिन मध्यप्रदेश के अनेकों स्थानों पर नियम विरुद्ध तरीके से भाजपा सरकार द्वारा आदिवासियों के घरों पर बुलडोजर चला कर उजाड़ने का काम किया जा रहा है, हीरा अलावा ने कहा कि ये आंदोलन तो सिर्फ टेलर है पिक्चर अभी बाकी हैं। जिला प्रशासन पीड़ितों को काबिज भूमि का पट्टा दें और मध्यप्रदेश शासन प्रत्येक परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवजे राशि प्रदान करे, यदि इनके साथ न्याय नहीं किया गया तो पूरे भारत के आदिवासी करंजिया में आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।

– रैली निकाली, थाना परिसर में राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

सभा के उपरांत रैली निकाल कर थाना परिसर पहुंच कर एसडीएम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें बताया गया कि 23 जून 2025 को वन विभाग द्वारा दर्जनों आदिवासी परिवारों के घरों को तोड़ दिया गया और पीढ़ियों से बसे परिवारों को बेदखल कर दिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई जब उन्होंने वर्ष 2006, 2008, 2010, 2011 और 2012 में वनाधिकार कानून 2006 के तहत दावे प्रस्तुत कर रखे हैं। बावजूद इसके उनके दावों का निस्तारण किए बिना ही उन्हें जबरन उजाड़ दिया गया।

ग्रामीणों ने कहा कि बरसात के मौसम में घर टूटने से महिलाएँ, बच्चे, बीमार और बुजुर्ग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए हैं। इससे न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ है, बल्कि संविधान की 5वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996 और वनाधिकार कानून 2006 की भी अवहेलना हुई है।

– ग्रामीणों ने राष्ट्रपति से मांग की है कि 

वनाधिकार दावों का निष्पक्ष निस्तारण कर पात्रों को अधिकार पत्र दिए जाएं।

जिनके घर टूटे, उन्हें तत्काल अस्थायी और स्थायी आवास दिया जाए।

जिम्मेदार अधिकारियों पर विभागीय व दंडात्मक कार्रवाई हो। पीड़ितों को उचित मुआवजा दिया जाए।

भविष्य में ग्रामसभा की अनुमति के बिना किसी को उजाड़ा न जाए और 2005 से पहले के दस्तावेज ग्रामसभा को उपलब्ध कराए जाएं।

कार्रवाई में शामिल अधिकारियों पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाए।

बजाग, तातर, पिपरिया सहित अन्य गांवों में आदिवासियों की ज़मीन हड़पने वालों पर सख्त कार्रवाई हो।

प्रस्तावित बांध परियोजनाओं को निरस्त किया जाए जो आदिवासियों की संस्कृति को नुकसान पहुँचा सकती हैं।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।

– इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका 

कार्यक्रम में जयस के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ हीरा लाल अलावा जी, इंद्रपाल मरकाम जयस प्रदेश अध्यक्ष,डॉ अशोक मास्कोले जी, प्रदेश प्रभारी शीतल टेकाम जी, वीरेंद्र टेकाम, संभागीय अध्यक्ष रीवा रामकृष्ण कोल, डॉ रोहित सिंह मरावी, रवि कोल जिला अध्यक्ष मैहर, रवि बैगा जिला अध्यक्ष अनूपपुर, मनीष वरकड़े जिला अध्यक्ष शहडोल, मनीष वरकड़े जिला अध्यक्ष उमरिया, राहुल वरकड़े जिला मंडला, नागेंद्र धुर्वे जिला अध्यक्ष डिंडोरी,दीपक मसराम, अभिलाष श्याम, अर्चना सिंह मार्को, अजीत पट्टा, राजकुमार नेटी, दीपचंद पुषम, महेंद्र परस्ते, अमर सिंह परस्ते, राम नारायण कोररिया, मनीष सारथियां, दिगम्बर पट्टा, आदि जयस के कार्यकर्ता मौजूद रहे ।

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..