– प्रदेश के आदिवासी, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि रहेंगे मौजूद
– आदिवासियों के विस्थापन, उत्पीड़न और अधिकारों को लेकर भरेगें हुंकार जयस का महाआंदोलन कल
डिंडौरी न्यूज। वन विभाग द्वारा बरेंडा में आदिवासियों के घर उजाड़ने के खिलाफ प्रदेश भर में आदिवासियों में आक्रोश है इसी को लेकर 8 जुलाई को करंजिया में जयस बड़ा आंदोलन कर रहा है।जयस के बैनर तले खिवनी देवास में भी बड़ा आंदोलन हो चुका है उसके बाद जनजातीय कार्य मंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह को खिवनी जाने को मजबूर होना पड़ा।
करंजिया में भी प्रदेश भर से सभी आदिवासी संगठनों से आदिवासी युवा बरेंडा में शामिल होंगे,वर्तमान परिदृश्य में आदिवासियों पर लगातार वन विभाग द्वारा अमानवीय तरीके से बारिश के मौसम में घर तोड़ने की कार्यवाही की जा रही है जिससे बरसात में 31 परिवार बेघर हो गए हैं,इन परिवारों को न्याय दिलाने के लिए कऱजिया के युवाओं ने पीड़ितों से मिलकर महा आंदोलन का एलान किया था जिसे सम्पूर्ण मप्र से समर्थन मिल रहा है जिसमें राष्ट्रीय जयस संरक्षक डॉ हिरा अलावा सहित सभी जगह से आक्रोशित युवाओं के शामिल होने की उम्मीद है।
– जयस टीम ने कार्यक्रम स्थल का किया मुआयना
प्रदेश अध्यक्ष इंद्रपाल मरकाम, जिलाध्यक्ष नागेंद्र मरकाम, ब्लाक अध्यक्ष अभिलाष श्याम और जयस टीम ने कल कार्यक्रम स्थल का मुआयना किया।जयस प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के मुख्यमंत्री और जिले के पूर्व प्रभारी मंत्री डॉ मोहन यादव के पास वन विभाग मंत्रालय है फिर भी आदिवासियों पर अत्याचार कम नहीं हो रहा है।
देवास खिलनी की तरह ही बरेंडा ग्राम में विशेष संरक्षित जनजाति बैगा सहित अन्य आदिवासियों एवं परंपरागत वन निवासियों का घर वन विभाग द्वारा तोड़कर भरे बरसात में बेघर कर दिया गया है जबकि भारतीय संविधान वनाधिकार कानून 2006 के तहत आदिवासियों को 2005 से पहले के कब्जा धारियों को वनाधिकार पत्रक एवं दावा प्रदान करने का प्रावधान है। पीड़ित परिवारों का कब्जा संबंधित जमीन पर कई पीढ़ीयो से है और 2004 में उनके उपर कार्यवाही भी हुई थी अब सरकार से सवाल है कि 2004 के कब्जाधारियों को वनाधिकार कानून 2006 लागू होने के बाद भी पट्टा क्यों नहीं दिया गया उल्टा आदिवासियों का घर भरे बरसात में उजाड़ा जा रहा है,ये आजादी के अमृत उत्सव के बाद आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार का जीवंत उदाहरण है।
जयस इंद्रपाल मरकाम ने सभी संगठनों, आदिवासी अधिकारों के लिए काम करने वालों से पर्यावरण प्रेमियों से दलगत राजनीति,संगठनवाद से ऊपर उठकर पीड़ितों के हित में आंदोलन में शामिल होने की अपील करते हैं क्योंकि जब तक हम अत्याचार के खिलाफ एक नहीं होंगे तब तक अत्याचार कम नहीं होंगे बल्कि अत्याचार बढ़ते रहेंगे । जयस संगठन ने सभी से अपील करते हुए महा आंदोलन को सफल बनाने तथा एक संदेश दे कि पश्चिम से पूर्व उत्तर से दक्षिण सभी आदिवासी एक दूसरे के सुख दुःख में शामिल रहेंगे।