डिंडौरी न्यूज। जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत ग्राम पंचायत अझबार के सरपंच, सचिव द्वारा शासन के नियम निर्देशों को दरकिनार कर 14 वें,15वें वित्त और पांचवा वित्त की राशि का मनमाने कार्यों के नाम पर फर्जी बिल लगाकर लाखों रुपए का बंदरबांट किया जा रहा है।
ग्राम पंचायतों के समुचित विकास कार्य हेतु प्रतिवर्ष कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश है, कार्ययोजना में तय किए गए प्राथमिकता की कार्यों पर राशि व्यय किए जाने का प्रावधान है।
पंचायत राज संचनालय द्वारा 15वें वित्त की राशि का नियमानुसार तय कार्यों में व्यय करने के आदेश जारी किए गए हैं।
वही डिंडोरी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत अझबार के सरपंच, सचिव शासन के निर्देशों को ठेंगा दिखाते हुए ऑफिस व्यय, स्टेशनरी और पेयजल परिवहन के नाम पर लाखों रुपए उड़ा रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2024- 25 में ग्राम पंचायत द्वारा पेयजल परिवहन के नाम पर लगभग 3,50,000 हजार रुपए से अधिक राशि का भुगतान कर 15 वें वित्त का दुरुपयोग किया गया है।
– ऑफिस व्यय और स्टेशनरी के नाम पर लाखों का भुगतान
ग्राम पंचायत अझबार द्वारा फोटोकॉपी, स्टेशनरी और अन्य व्यय के नाम लाखों रुपए की बंदरबांट करने का मामला सामने आया है, प्राप्त जानकारी के अनुसार सचिव जगदीश उईके के द्वारा कार्ययोजना में तय कार्यों की अनदेखी करते हुए ब्रजेश अवधिया, अवधिया फोटोकॉपी स्टेशनरी और राजाराम अवधिया के नाम पर 2 लाख रुपए से अधिक राशि का भुगतान कर ग्राम विकास की राशि का बंदरबांट किया गया है। ग्राम पंचायत के विकास के लिए आवंटित राशि का दुरुपयोग कर सरपंच सचिव खुद का विकास करने में लगे हुए हैं वहीं निगरानी रखने वाले अधिकारियों की चुप्पी और मौन समझ से परे है।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2025 जनवरी से जून तक मात्र 6 माह में अवधिया फोटोकॉपी स्टेशनरी के नाम पर हर माह लगातार हजारों रुपए का भुगतान किया गया है। पांचवें वित्त योजना के तहत जून में 15000,3681,7500,3538,8130,6786,11380,5245,11000,14840, और 15वें वित्त मद से मार्च में 15000, मजदूरी के नाम पर 3000,4200,4165,22000, हजार रुपए भुगतान किया गया है। यह तो सिर्फ अवधिया फोटोकॉपी स्टेशनरी के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया है , स्टेशनरी संचालक को मजदूरी के नाम पर भी 3000हजार भुगतान किया गया है। इतना ही नहीं अन्य व्यय, साफ सफाई, ओर मरम्मत के नाम पर बगैर सक्षम स्वीकृति के लाखों रुपए उड़ाए गए हैं।
जब अनियमित भुगतान के संबंध में सचिव जगदीश उईके से जानकारी चाही गई तो उन्होंने इस संबंध में जानकारी न होने की बात कहीं है।