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Dindori News : मिंगडी गांव में रहस्यमयी आवाज से हड़कंप, देवी प्रकोप या भूगर्भीय हलचल?

akvlive.in

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– अजगर और देवी प्रकोप की आशंका, भूगोल विशेषज्ञ ने बताया भूगर्भीय हलचल का असर

डिंडौरी न्यूज। जनपद के मिंगडी गांव से एक रहस्यमयी और हैरान करने वाली खबर सामने आई है। गुरुवार रात गांव में अचानक एक तेज और रहस्यमयी आवाज सुनाई देने से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। यह आवाजें इतनी तेज थीं कि आसपास के गांवों तक सुनाई दीं और देखते ही देखते आवाजों को लेकर गांव में चर्चा का बाज़ार गर्म हो गया। रहस्यमयी आवाज को सुनने के लिए अब दूर-दराज के ग्रामीण भी मिंगडी पहुंच रहे हैं।

ग्रामीणों का दावा है कि यह आवाजें गुरुवार देर रात करीब तीन बजे शुरू हुईं और लगातार किसी झाड़ी की दिशा से आती रहीं। गांव के बुजुर्ग और महिलाएं इसे देवी प्रकोप मान रही हैं, वहीं कुछ ग्रामीणों ने झाड़ियों में विशाल अजगर देखने का भी दावा किया है। खास बात यह रही कि जिस स्थान से आवाज आ रही थी, वहां हिम्मत करके पहुंचे कुछ ग्रामीणों ने एक बेशर्म की झाड़ी में अजगर देखा। अनुमान लगाया जा रहा है कि वहां बड़ी संख्या में मेंढक भी हो सकते हैं, जिससे ऐसी अजीब आवाजें निकल रही हों।

गांव के बुजुर्गो का कहना है कि “यह प्रकट देवी की आवाज है। मैं जीवन में कभी ऐसी आवाज नहीं सुनी। यह कोई सामान्य घटना नहीं है। यह देवी है जो सांप या मेंढक का रूप लेकर प्रकट हुई है।” कुछ ग्रामीणों का मानना है कि यह स्थान किसी देवस्थान से जुड़ा हो सकता है और यह आवाज किसी दैवीय शक्ति का संकेत है।

– भूगोल विशेषज्ञ ने बताई वैज्ञानिक वजह

शासकीय चंद्रविजय महाविद्यालय के भूगोल विषय के प्रोफेसर जगतराम झारिया ने इस मामले पर कहा कि “मिंगडी गांव जिस क्षेत्र में स्थित है वहां की मिट्टी काली है। काली मिट्टी में शुरुआती बारिश के दौरान अक्सर भूगर्भीय हलचल और गैसों की हलचल से इस प्रकार की आवाजें उत्पन्न हो सकती हैं। यह एक सामान्य भौगोलिक क्रिया है, जिसे रहस्यमयी समझा जा सकता है।”

हालांकि कुछ लोगों ने बोरिंग कार्य की आशंका जताई, लेकिन ग्रामीण मनोज कुमार ने बताया कि “बारिश के समय बोरिंग कार्य प्रशासनिक रूप से प्रतिबंधित होता है, इसलिए यह संभावना भी गलत प्रतीत होती है।” रहस्यमयी आवाज की जांच के लिए ग्रामीणों का झुंड जब खेतों की तरफ पहुंचा तो उन्होंने बेशर्म की झाड़ियों से तेज आवाजें सुनीं जो किसी चक्की चलने जैसी प्रतीत हो रही थीं। लेकिन झाड़ियों के घने होने के कारण स्पष्ट पता नहीं चल सका कि आवाज का स्रोत क्या है।

इस रहस्यमयी घटना को लेकर ग्रामीणों में डर के साथ-साथ उत्सुकता भी बढ़ रही है। गांव में अब चर्चा का मुख्य विषय यही रहस्यमयी आवाज बन गया है। प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

अब गांव वाले चाहते हैं कि प्रशासन इस रहस्य की सच्चाई सामने लाए ताकि भय और भ्रम की स्थिति खत्म हो सके।

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..