डिंडौरी न्यूज। कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को कलेक्टर श्रीमती नेहा मारव्या की अध्यक्षता में समय-सीमा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जिले के विभिन्न विभागों की गतिविधियों की गहन समीक्षा की गई। इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर श्री वैधनाथ वासनिक, एसडीएम शहपुरा श्री ऐश्वर्य वर्मा, एसडीएम बजाग श्री रामबाबू देवांगन, एसडीएम डिंडौरी सुश्री भारती मेरावी सहित अन्य जिला अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में राजस्व, खनिज, कृषि, खाद्य, पर्यटन, शिक्षा, महिला बाल विकास, पंचायत, वन, विद्युत सहित अन्य विभागों के लंबित प्रकरणों और योजनाओं की प्रगति पर विस्तार से चर्चा की गई। कलेक्टर ने समस्याओं के शीघ्र व प्रभावी समाधान के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, सीएम हाउस से प्राप्त शिकायतों और जल गंगा संवर्धन अभियान की प्रगति की समीक्षा की। पीएमजीएसवाय सड़कों के किनारे वृक्षारोपण, सिटी फॉरेस्ट डेवलपमेंट, जिला पंचायत स्थापना शाखा की लंबित फाइलों व नोटिसों की स्थिति की भी जानकारी ली। उन्होंने विद्युत विभाग को बरसात पूर्व झूलते तारों, तिरछे खंभों की मरम्मत और नगर परिषद को साफ-सफाई, नालियों की सफाई और शुद्ध पेयजल आपूर्ति को बेहतर बनाने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने सभी निर्माण कार्यों को 30 जून तक पूर्ण करने, अवैध शराब पर सख्त कार्रवाई करने और तहसीलदार को लगातार छापे मारने के निर्देश दिए। खाद्य सामग्री की गुणवत्ता जांच हेतु 7 सदस्यीय समिति गठित कर 2 दिन में रिपोर्ट मांगी गई। जल गंगा संवर्धन अभियान की प्रगति रिपोर्ट 3 दिन में प्रस्तुत करने और मनरेगा कार्यों की रणनीति बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए गए।
छात्रावासों में सार्थक एप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने और ई-गवर्नेंस प्रबंधक को एक सप्ताह में व्यवस्था चालू करने के निर्देश दिए गए। किसानों को समय पर गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध कराने पर चर्चा की गई। स्वास्थ्य केन्द्रों में सांप काटने की दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने और गांवों में बचाव के उपायों का प्रचार करने के निर्देश दिए गए।
कलेक्टर ने एलडीएम को जनधन खाते, पेंशन योजना और बीमा योजना में ईकेवाईसी के लिए शिविर लगाने के निर्देश दिए। बसनिया बहुउद्देशीय परियोजना के सर्वे कार्य की शुरुआत कर उसमें बाधा न आने देने हेतु पुलिस बल उपलब्ध कराने की बात कही। गौशालाओं को अधिक अनुदान देने का प्रस्ताव तीन दिन में प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए गए।
कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को न्यायालयीन प्रकरणों के जवाब समय-सीमा में प्रस्तुत करने और निर्माणाधीन सड़क प्राधिकरण से जवाब मांगने के निर्देश दिए। जनजाति कार्य विभाग की भ्रष्टाचार जांच समिति को समय पर रिपोर्ट न देने पर नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए।