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Dindori Corruption News : अमरपुर जलाशय और नहर मरम्मत का दिखावा कर फर्मों को लाखों रुपए का फर्जी भुगतान 

akvlive.in

Published

– तीन वर्षों से मरम्मत और निर्माण अधूरा,विभिन्न सामग्री के नाम लाखों रुपए का बंदरबांट 
– मरम्मत और निर्माण न होने से किसान परेशान, अधिकारियों की मनमानी जारी
डिंडौरी न्यूज। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही के चलते जिले भर में बनाए गए बड़े बड़े जलाशय और नहरों की हालत मरम्मत के आभाव में जर्जर है, वहीं दूसरी तरफ जल संसाधन विभाग द्वारा टैंक और नहरों के मरम्मत और पुनर्निर्माण के नाम सरकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा है, जल उपभोक्ता समितियों को प्रतिवर्ष मिलने वाली राशि जल संसाधन विभाग के उपयंत्री डकार रहें है इसके साथ ही रोजगार गारंटी योजन के तहत स्वीकृत राशि भी बगैर कार्य कराए षड्यंत्र रच कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर हड़प रहे हैं।
ऐसा ही लापरवाही, भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े का मामला अमरपुर जलाशय का देखा जा सकता है, जलाशय से भाखा, बिजौरी, बरसिंघा, सहित रामगढ़ तक की 153 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित किए जाने का लक्ष्य है लेकिन फिलहाल टैंक और नहरों की हालत बद से बदतर स्थिति में है।
वर्ष 2021- 22 में अमरपुर जलाशय और नहरों की मरम्मत हेतु रोजगार गारंटी योजना के तहत लगभग 10- 11 प्राक्कलनों के तहत लगभग 01 करोड़ रुपए से अधिक राशि मजदूरी और सामग्री हेतु स्वीकृत किया गया था, लेकिन एसडीओ और उपयंत्री ने महज मरम्मत का दिखावा और खानापूर्ति करते हुए रेत, मुरूम, गिट्टी, लोहा सरिया, पाइप के नाम पर लाखों रुपए के बिल लगाकर राशि आहरित कर लिया लेकिन कार्य प्रारंभ होने के 3 साल गुजरने के बाद भी कार्यस्थल में कुछ मात्रा में रेत गिट्टी और पाइप लावारिश पड़े हुए हैं, तत्कालीन एसडीओ रहे एस के बिट्ठले, वर्तमान एसडीओ और पहले उपयंत्री रहे नारायण देशमुख ने किसानों की अरमानों पर पानी फेर कर सरकार की मंशा पर पलीता लगाते हुए कागजों में कार्य को पूर्ण करा दिया, जिससे आज भी किसान परेशान हैं।
नहरों की सफाई न होने तथा चिन्हित स्थानों पर पुलिया निर्माण न कराने,साथ ही जर्जर नहरों की मरम्मत न कर सिर्फ कागजों में सामग्री खरीदी कर बंदरबांट का खेल किया गया है। जिससे खरीफ फसलों में क्षतिग्रस्त नहर का पानी खेत में भरता है और जब पानी की जरूरत रबी फसलों को होती तब नहरें में सूखी होती हैं।
केंद्र और राज्य सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन सरकार का ये दावा भी महज कागजी साबित हो रहा है। किसानों की समृद्धि सिंचाई पर निर्भर है, जब किसानों और फसलों को पानी नहीं मिलेगी तो उत्पादन और उन्नति पर संशय बना रहता है। जिले में मंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर अधिकारी तक सिंचाई व्यवस्था की गुणगान करते हुए नहीं थकते हैं, लेकिन  सच्चाई यह है कि सिंचाई व्यवस्था बेहाल हैं..? जल संसाधन विभाग का आधिकारिक आंकड़ा भी 30 हजार हैक्टेयर से अधिक कृषि भूमि सिंचित किए जाने का है, जबकि धरातल में हालात इसके उलट है।
निर्माण का दिखावा कर विभिन्न फर्मों को किया लाखों रुपए का भुगतान
 वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक में अमरपुर जलाशय के मरम्मत हेतु लगभग 10 भागो में कार्य स्वीकृत किया गया है, सभी प्राक्कलनों से सामग्री मद की राशि जिम्मेदारों द्वारा विभिन्न फर्मों को भुगतान किया गया है, जबकि कार्यस्थल में आज भी हालत बद से बदतर है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने खनूजा ट्रेडर्स, दिगम्बर हार्डवेयर, खनूजा फैशन पैलेस, सिग्निक्स कंट्रक्शन समेत कई फर्मों को मिट्टी, मुरूम, सीमेंट, गिट्टी, लोहा, सरिया सहित अन्य सामग्री के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान किया गया है।

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..