Dindori News, डिंडौरी। जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त के निर्देशन में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्राचीन डिंडौरी में प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान योजना के तहत संकुल स्तरीय शैक्षणिक संवाद कार्यक्रम एवं शिक्षक समस्या निवारण शिविर का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर योजना की प्रमुख विशेषताओं पर विस्तार से प्रकाश डाला गया और शिक्षकों को इससे होने वाले लाभों की जानकारी दी गई।
शिविर में संकुल स्तर के लगभग 50 शिक्षक उपस्थित हुए और अपनी शैक्षणिक एवं प्रशासनिक समस्याओं को जिम्मेदारों के समक्ष रखा। अधिकारियों ने संवेदनशीलता दिखाते हुए शिक्षकों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सुना और त्वरित समाधान की दिशा में कदम उठाए। शिविर के दौरान 27 शिक्षकों की समस्याओं का मौके पर ही निराकरण किया गया, जिससे उपस्थित शिक्षकों में संतोष और प्रसन्नता देखी गई।
समस्याओं का समाधान एवं प्रमुख निर्णय
शिविर में अनिल धुर्वे (प्राथमिक शाला बिजौरा) एवं श्रीमती प्रियंका परतेती (प्राथमिक विद्यालय खम्ही) की 90 प्रतिशत वेतन वृद्धि संबंधी समस्या का समाधान किया गया, जिससे दोनों शिक्षकों को बड़ी राहत मिली। वहीं माध्यमिक शिक्षक हेमवती ठाकुर की क्रमोन्नति से जुड़ी समस्या का भी त्वरित निवारण किया गया।
इसके अतिरिक्त शिक्षक लीलमन सिंह के नामांकन तथा सेवा पुस्तिका में इंद्राज की कार्रवाई पूर्ण कर दी गई। यह कार्य शिक्षकों की लंबे समय से लंबित समस्याओं में से एक था, जिसका समाधान शिविर में संभव हो सका।
– शिविर में प्रबंधन एवं व्यवस्था
शिविर में गिरीश मौहारी को नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिन्होंने शिविर की संपूर्ण निगरानी और समन्वय का कार्य कुशलता से निभाया। पदम बिल्थरे द्वारा उपस्थित शिक्षकों के अभिलेखों एवं दस्तावेजों की गहनता से जांच की गई ताकि किसी भी प्रकार की त्रुटि न रह जाए।
महिला शिक्षकों की समस्याओं के निवारण हेतु विशेष रूप से महिला डेस्क की स्थापना की गई, जिसका संचालन सुमन तिवारी, सुजाता धुर्वे एवं रामकुमार तेकाम के संयुक्त सहयोग से किया गया। महिला डेस्क पर महिला शिक्षकों ने अपनी समस्याएं निःसंकोच साझा कीं और उन्हें संतोषजनक समाधान प्राप्त हुआ।
– शिक्षा की गुणवत्ता पर सकारात्मक प्रभाव
विद्यालय प्रबंधन और अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकार के शिक्षक समस्या निवारण शिविर से शिक्षकों को अपनी शैक्षणिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में सुविधा होगी और वे बिना किसी चिंता के अपने कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। इससे निश्चित रूप से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और शासन की जनमन योजना एवं प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान योजना के उद्देश्य भी सार्थक होंगे।
कार्यक्रम के अंत में शिक्षकों ने ऐसे शिविरों को नियमित अंतराल पर आयोजित किए जाने की मांग करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।