डिंडौरी न्यूज़। कलेक्टर श्रीमती नेहा मारव्या के निर्देशानुसार एवं सहायक आयुक्त, जनजाति कार्य विभाग के मार्गदर्शन में डिंडौरी जिले के विभिन्न शासकीय विद्यालयों में शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम का आयोजन उत्साहपूर्वक किया गया।
इस अवसर पर संकुल केंद्र शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्राचीन डिंडौरी सहित अन्य प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों की उपस्थिति में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें बच्चों के स्वागत के साथ-साथ शिक्षा के महत्व पर विस्तृत चर्चा की गई।
जन-मन योजना की जानकारी
प्रवेश उत्सव के दौरान केंद्र और राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी “जन-मन योजना” के उद्देश्यों और लाभों की जानकारी उपस्थित पालकों व विद्यार्थियों को दी गई। इस योजना के अंतर्गत जनजातीय विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ उनके संवैधानिक अधिकारों और शासन की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने का सतत प्रयास किया जा रहा है।
संस्था के प्राचार्य ने कहा कि –
> “शिक्षा और शिक्षक वे महत्वपूर्ण कड़ियाँ हैं, जिनके माध्यम से जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाया जा सकता है। हमारा प्रयास है कि बच्चों को न केवल पठन-पाठन में रुचि हो, बल्कि वे अपने अधिकारों को भी समझें और आत्मनिर्भर बनें।”
शिक्षकों का अभिनव प्रयास – ‘जन-मन शैक्षणिक संवाद’
विद्यालय में पदस्थ शिक्षकों द्वारा ‘जन-मन शैक्षणिक संवाद’ के रूप में छात्रों और उनके पालकों के साथ संवाद स्थापित किया गया, जिसमें शासन की जनहितकारी योजनाओं, छात्रवृत्तियों, पोषण आहार, बालिकाओं के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाओं तथा शिक्षा में नवाचारों की जानकारी दी गई।
इस अवसर पर शिक्षक श्रीमती सुमन तिवारी, गिरीश मोहारी, टीकाराम पाराशर, सुजाता धुर्वे, पदम बिल्थरे सहित संपूर्ण विद्यालय स्टाफ ने सहभागिता निभाई और छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन किया।
– छात्रों में दिखा उत्साह और नया संकल्प
प्रवेश उत्सव के माध्यम से नन्हे विद्यार्थियों को विद्यालयीन वातावरण से जोड़ने की एक सकारात्मक शुरुआत हुई। बच्चों में न सिर्फ शिक्षा के प्रति रुचि दिखाई दी, बल्कि पालकों में भी विश्वास जगा कि उनके बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और अधिकार आधारित शिक्षा प्राप्त होगी।
– भविष्य की दिशा में एक मजबूत कदम
यह शाला प्रवेश उत्सव सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि शिक्षा को जनजातीय समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक प्रभावी और दूरदर्शी पहल है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में इस प्रयास के सार्थक परिणाम सामने आएंगे और जनजातीय छात्र-छात्राएँ समाज की मुख्यधारा में प्रभावशाली भूमिका निभाएंगे।