– जनपद कार्यालय के गेट पर जलसंकट, ईंटों के सहारे हो रहा आवागमन
जिले मुख्यालय में बरसात की पहली फुहार के साथ ही प्रशासन की लापरवाही उजागर हो गई है। मुख्यालय क्षेत्र में नाली की सफाई समय पर नहीं किए जाने के कई कारण कई इलाकों में जलभराव की गंभीर स्थिति उत्पन्न होने लगी है। बता दें कि ताजा मामला जनपद पंचायत डिंडौरी कार्यालय परिसर की है, जहां पानी भर जाने से कार्यालय आने-जाने में कर्मचारियों और आम जनता को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नगर परिषद और निर्माण एजेंसियों की लापरवाही के चलते कार्यालय के सामने लगातार जलभराव की स्थिति बनी हुई है। स्थिति यह है कि परिसर में आने-जाने वालों को पानी से होकर गुजरना पड़ता है, जिससे ग्रामीण जनता, अधिकारी और कर्मचारी सभी परेशान हैं।
दरअसल, कुछ समय पूर्व नगर परिषद द्वारा विधायक निवास मार्ग से लेकर जनपद पंचायत कार्यालय तक सीसी सड़क और नाली निर्माण कराया गया था। परंतु निर्माण के दौरान जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं की गई। नतीजतन, हल्की बारिश होते ही मुख्य गेट पर पानी भर जाता है, जो कई दिनों तक नहीं सूखता। यही नहीं, नाली का पानी सड़क पर बहता हुआ परिसर के सामने एक गड्ढे में जमा हो जाता है, जिससे बदबू और मच्छरों का भी प्रकोप बढ़ता जा रहा है।
ईंटों के सहारे मजबूरी का रास्ता
स्थिति इतनी बदतर हो चुकी है कि लोगों ने अपने स्तर पर गड्ढे में ईंटें रखकर अस्थायी रास्ता बना लिया है। ग्रामीण, महिलाएं और बच्चे इन्हीं ईंटों के सहारे कार्यालय तक पहुंचते हैं। परंतु यह भी सुरक्षित नहीं है। अब तक कई लोग फिसलकर गिर चुके हैं, जिनमें महिलाएं और बुजुर्ग विशेष रूप से शामिल हैं। इन घटनाओं की शिकायतें आए दिन जनपद कार्यालय में पहुंच रही हैं, लेकिन जिम्मेदार विभागों ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों को दी गई कई बार सूचना
जनपद पंचायत और आजीविका मिशन कार्यालय से नगर परिषद को कई बार लिखित और मौखिक रूप से इस समस्या की जानकारी दी जा चुकी है। बताया जा रहा है कि हर मीटिंग में इस मुद्दे को उठाया गया, लेकिन आज तक न तो कोई तकनीकी सर्वे किया गया और न ही किसी प्रकार की मरम्मत या सुधार कार्य प्रारंभ हुआ। इससे स्पष्ट है कि विभागीय उदासीनता समस्या को और गंभीर बना रही है।
क्या किसी अनहोनी का इंतजार कर रही नगर परिषद?
स्थानीय नागरिकों और कार्यालय के कर्मचारियों का कहना है कि जनपद पंचायत डिंडोरी, पूरे जिले की ग्रामीण योजनाओं का केंद्र है। हर दिन सैकड़ों लोग विभिन्न कार्यों से यहां आते हैं। यदि जलभराव की यह स्थिति बनी रही तो किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। यह सवाल भी उठने लगा है कि क्या नगर परिषद किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रही है?
जनता में नाराज़गी, प्रशासन की चुप्पी
परिसर में जलभराव की समस्या अब प्रशासनिक लापरवाही का प्रतीक बन चुकी है। एक ओर जहाँ शासन ग्रामीण विकास के नाम पर करोड़ों की योजनाएं चला रहा है, वहीं दूसरी ओर जनपद कार्यालय जैसी महत्वपूर्ण जगह पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव गहरी चिंता का विषय है।
नगर परिषद, जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन को अब इस ओर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। जनता अब जवाब चाहती है – कब तक ऐसे हालात में कामकाज चलता रहेगा? कब मिलेगा इस स्थायी जलभराव से छुटकारा?