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बर्बरता : पुलिसकर्मियों ने युवक को बेरहमी से पीटा,पीठ और कूल्हे का जख्म दिखाने अर्धनग्न हुआ पीड़ित..?

akvlive.in

Published

– थाना प्रभारी अनुराग जामदार पर झूठे केस में फंसाने की धमकी देने का आरोप
– पीड़ित युवक ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में सौंपा आवेदन
डिंडौरी न्यूज। देशभक्ति जनसेवा के नारे को बुलंद करने वाली शहपुरा पुलिस की कार्यप्रणाली इन दिनों काफी चर्चित हैं, यूं तो पुलिस  मुख्यालय के साथ ही भारत का सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय द्वारा समय समय पर दिशा निर्देश जारी करते हुए नागरिकों के मौलिक और संवैधानिक अधिकारों को दुरुस्त करने की गाइडलाइन जारी किया जाता है लेकिन शहपुरा थाना के कथित पुलिस अधिकारी स्वयं का कानून चलाते हुए मामूली बातों में नागरिकों को खुद पीट पीट कर सजा दे रहे हैं..?
 जिले के शहपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम करौंदी निवासी मंगल चक्रवर्ती ने थाना शहपुरा में पदस्थ पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत सौंपी है। मंगल चक्रवर्ती ने आरोप लगाया है कि 12 मई 2025 की रात वे अपने गांव लौट रहे थे, जब शहपुरा पेट्रोल पंप के पास पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका और बिना किसी कारण के मारपीट की।
शिकायत के अनुसार, रात्रि गश्त पर मौजूद एएसआई घसीटालाल रजक, आरक्षक चालक संदीप चतुर्वेदी तथा एक अन्य अज्ञात पुलिसकर्मी ने चक्रवर्ती को उस समय रोका जब वे अपने साले की शादी से भाई के बच्चे के साथ घर करौंदी लौट रहे थे। आरोप है कि संदीप चतुर्वेदी नशे की हालत में था और गाली-गलौच पर उतर आया। विरोध करने पर पुलिसकर्मियों ने चक्रवर्ती के साथ लाठी, डंडों और जूतों से मारपीट की, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए।
पीड़ित का आरोप है कि मारपीट के बाद जब वे थाने शिकायत दर्ज कराने पहुंचे तो थाना प्रभारी अनुराग जामदार ने भी उनका साथ देने की बजाय उल्टे उन्हें गालियां दीं और 353 की धारा लगाकर जेल भेजने की धमकी दी। साथ ही कहा गया कि यदि कहीं शिकायत की तो झूठे केस में फंसाकर जेल भिजवा दिया जाएगा।
पीड़ित ने बताया कि उन्हें शहपुरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर मेडिकल परीक्षण कराया गया और डॉक्टर द्वारा एक्स-रे के लिए सलाह दी गई। अगले दिन जब वे पुनः थाने पहुंचे तो उन्हें धमकाया गया और पुलिस हिरासत में लिया गया।
मंगल चक्रवर्ती ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत करते हुए मांग की है कि उक्त पुलिसकर्मियों के विरुद्ध तत्काल प्राथमिकी दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाए। मामले ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं और आम नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था पर चिंता जताई जा रही है।