– समनापुर विकासखंड अंतर्गत कई शिक्षकों ने फर्जी डीएड डिप्लोमा से कराया सहायक अध्यापक संवर्ग में संविलियन
– एरियर्स और वेतन वृद्धि का लाभ लेते हुए शासन को लगाया करोड़ों का पलीता
डिंडौरी न्यूज। कुछ वर्ष पहले सरकारी स्कूलों में पदस्थ कुछ शिक्षको के विरुद्ध फर्जी डिप्लोमा के जरिए संवाद शिक्षक से सहायक अध्यापक संवर्ग में संविलियन कराने का मामला सामने आया था,जिसमें समनापुर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए फर्जी प्रमाणपत्र बनाने और उपयोग करने वाले मास्टरमाइंड सहित 04 शिक्षकों को जेल भेजा था।
एक बार फिर सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त दस्तावेजों में फर्जी डिप्लोमा का बड़ा खुलासा हुआ है,जिले में फर्जीवाड़ा चरम पर हैं, सूत्रों की माने तो शिक्षकों को मिलने वाली एरियर्स राशि का बंदरबांट करने के लिए जिम्मेदार अधिकारी फर्जी प्रमाणपत्रों को बगैर परीक्षण कराए ही मान्य करते हुए जिला स्तरीय छानबीन समिति से संविलयन करा लेते हैं, इस खेल में विकासखंड स्तर से लेकर सहायक आयुक्त जनजाति विभाग तक के बाबू और अधिकारी शामिल हैं जो लाखों रुपए लेकर फर्जीवाड़े को बढ़ावा दे रहे हैं।
गिरोह सक्रिय,एक ही फैक्ट्री में बना रहे फर्जीडीएड डिप्लोमा ..?
प्राप्त जानकारी के अनुसार फर्जी डिप्लोमा बनाने वाले गिरोह सक्रिय है,जो योजनाबद्ध तरीके से एक ही जगह से कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से कूट रचना करते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार कर शासन को पलीता लगा रहे हैं।
सामने आए दस्तावेजों से ऐसा ही खुलासा हुआ है, मोहती माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ तामेश्वरदास सुरेश्वर जून 2005 में डीएड डिप्लोमा द्वितीय वर्ष उत्तीर्ण करते हैं, जिनका प्रमाणपत्र संख्या 7007398 हैं और कुल प्राप्तांक 476 हैं।

इसी तरह समनापुर विकासखंड अंतर्गत केवलारी में पदस्थ शिक्षक तिलक सिंह ने जून 2010 में डीएड डिप्लोमा द्वितीय वर्ष उत्तीर्ण करने का प्रमाणपत्र प्रस्तुति किया है, जिसका संख्या 7097398 हैं और कुल प्राप्तांक 476 हैं। इतना ही नहीं तामेश्वरदास सुरेश्वर और तिलक सिंह के प्रमाणपत्र में एक ही फ़ोटो चस्पा हैं, इसके साथ ही पूरे प्रमाणपत्र में एक जैसे ही 476 अंक दर्ज हैं। इस तरह से खुलेआम शासन की आंखों में धूल झोंककर मोटी वेतन और एरियर्स राशि हड़पने का खेल चल रहा है।


पूर्व में गिरफ्तार हुए तीन शिक्षकों को एक ही फॉर्मेट में मिला 376 अंक
विगत वर्षों में फर्जी कूटरचना करने और उपयोग करने के मामले में शिक्षक अजमेर दास सोनवानी,आरती मोंगरे, मुकेश द्विवेदी, संतु मरकाम को समनापुर पुलिस ने गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया था। जिसमें संतु मरकाम और मुकेश द्विवेदी पर फर्जी डिप्लोमा प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप लगा था।
गौरतलब है कि मुकेश कुमार द्विवेदी के डिप्लोमा इन एजुकेशन द्विवार्षिक पाठ्यक्रम 1997 की प्रमाण पत्र में योग प्राप्तांक 376 दर्ज हैं, उसी फॉर्मेट में अजमेरदास सोनवानी/मुकुंदी दास सोनवानी ने 2008 में फर्जी कूटरचना कर डिप्लोमा बनवाया जिसमें अजमेर को भी 376 नंबर प्राप्त होना दर्ज है। इसी तरह आरती मोंगरे/लालती मोगरे ने उसी फॉर्मेट में 2009 में डिस्टिक इंस्टीट्यूट एजुकेशन ट्रेनिंग जबलपुर के नाम से फर्जी डिप्लोमा प्रमाण पत्र बनवा ली जिसमें भी प्राप्तांक 376 नंबर हैं। इस तरह से एक ही प्रमाण पत्र में वर्ष और रोल नंबर, नाम परिवर्तन कर खुलेआम फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।

इनका कहना है,,,
जब इस मामले की ऊपर से कार्रवाई के निर्देश मिलेंगे तो करवाई करेंगे।
शशिभूषण बघेल, बीईओ समनापुर