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Dindori News : पैत्रिक भूमि के सीमांकन में गड़बड़ी: कृषक ने लगाई न्याय की गुहार, निरीक्षण के नाम पर पटवारी और आरआई मांग रहे घूस 

akvlive.in

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– हल्का पटवारी और राजस्व निरीक्षक पर घोर लापरवाही और रिश्वत मांगने का आरोप
Dindori News,डिंडौरी न्यूज। जिले के शाहपुरा तहसील अंतर्गत ग्राम बांकी माल निवासी राजेन्द्र तिवारी ने जनसुनवाई में कलेक्टर के समक्ष गंभीर शिकायत दर्ज करवाई है, जिसमें उन्होंने हल्का पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक पर रिश्वत मांगने और राजस्व प्रक्रिया में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। कृषक राजेन्द्र तिवारी ने अपनी पैत्रिक भूमि के सीमांकन में हुई त्रुटियों को सुधारवाने के लिए बार-बार आवेदन दिए, लेकिन अधिकारियों द्वारा मौके का निरीक्षण नहीं किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, राजेन्द्र तिवारी के नाम ग्राम बांकी माल में खसरा नंबर 316/1, रकबा 2.38 हेक्टेयर भूमि दर्ज है, जो उनके पूर्वजों के समय से ही उनके कब्जे और काश्त में रही है। तिवारी का कहना है कि बंटवारे के समय राजस्व दस्तावेजों में त्रुटि हो गई थी, जिसकी वजह से उनके भूखंड में गड़बड़ी उत्पन्न हो गई। उन्होंने इस त्रुटि को सुधारवाने के लिए न्यायालय में भी आवेदन प्रस्तुत किया है।
राजेन्द्र तिवारी का आरोप है कि तहसीलदार के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद हल्का पटवारी और राजस्व निरीक्षक ने आज तक मौका जाँच नहीं की। इतना ही नहीं, आरोप यह भी है कि मौके की जाँच करने के Dindori बदले इन अधिकारियों ने उनसे 10,000 रुपये की अवैध मांग की। एक कृषक होने के नाते राजेन्द्र तिवारी का कहना है कि वे इस प्रकार की अवैध मांग को पूरा करने में असमर्थ हैं, और ऐसी व्यवस्था से वे मानसिक रूप से परेशान हैं।
कृषक का कहना है कि सीमांकन न होने के कारण पड़ोसी किसानों द्वारा उनकी भूमि पर नाजायज कब्जा करवाया जा रहा है, जिससे उनके खेती कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। उन्होंने प्रशासन से निवेदन किया है कि उनके दिनांक 24.09.2024 को प्रस्तुत किए गए आवेदन को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र ही मौके का निरीक्षण कर सीमांकन कराया जाए, जिससे उन्हें न्याय मिल सके।
उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन द्वारा शीघ्र कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वे न्यायालय की शरण लेने को विवश होंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी राजस्व विभाग की होगी।
यह मामला न केवल एक कृषक की निजी पीड़ा को उजागर करता है, बल्कि राजस्व विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और प्रशासनिक उदासीनता पर भी सवाल खड़े करता है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता से कार्रवाई करता है।