डिंडौरी न्यूज । वक्फ अधिनियम में संशोधन को लेकर मुस्लिम समाज में भारी असंतोष दिखाई दे रहा है। मंगलवार को अहले सुन्नत वल जमात के बैनर तले डिंडोरी नगर में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने वक्फ संशोधन बिल को “काला कानून” करार देते हुए जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान नगर में बाइक रैली निकालकर अपनी आवाज बुलंद की गई और कलेक्ट्रेट पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
प्रदर्शनकारियों ने इस अधिनियम को मुस्लिम समाज के विरुद्ध एक सोची-समझी साजिश बताया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लाया गया वक्फ अधिनियम का यह संशोधन मुस्लिमों की धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान पर सीधा हमला है। जामा मस्जिद डिंडोरी के सदर शेख सफीक ने बताया कि वक्फ संपत्तियाँ मुस्लिम समाज की धार्मिक विरासत हैं, जिन्हें हमारे पूर्वजों ने अल्लाह की राह में दान किया था। लेकिन संशोधित कानून से अब इन संपत्तियों पर गैर-इस्लामिक संस्थाओं का कब्जा हो सकता है, जो इस्लामिक सिद्धांतों के विरुद्ध है।
उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान समय में भारत में मुस्लिम समाज पर सामाजिक और कानूनी हमले बढ़ते जा रहे हैं। कई जगहों पर मस्जिदों को निशाना बनाया जा रहा है, इमामों पर हमले हो रहे हैं और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा खतरे में है। ऐसे समय में वक्फ अधिनियम में यह संशोधन न केवल असंवेदनशील है, बल्कि अल्पसंख्यकों के अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा प्रहार है।
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि राष्ट्रपति इस मुद्दे पर तुरंत संज्ञान लेते हुए हस्तक्षेप करें और इस “काले कानून” को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए। ज्ञापन सौंपने वालों में यूसुफ खान, जुबेर खान, अकील अहमद, मोहम्मद असगर सिद्दीकी समेत समाज के अन्य प्रमुख लोग शामिल रहे।