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Dindori News : डिंडौरी में शिक्षकों के संलग्नीकरण की होगी समीक्षा, 12 अप्रैल को बुलाई गई अहम बैठक 

akvlive.in

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– मूल पदस्थापना पर शिक्षकों को भेजने की दिशा में जिला प्रशासन की पहल
डिंडौरी। जिले में शासकीय स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों के संलग्नीकरण की व्यवस्था की समीक्षा के लिए जिला प्रशासन द्वारा एक अहम बैठक आयोजित की जा रही है। यह बैठक 12 अप्रैल 2025 को दोपहर 2 बजे जनजातीय कार्य विभाग, डिंडौरी के कार्यालय में आयोजित की जाएगी। इस संबंध में सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग, डिंडौरी ने जिले के सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों (BEOs) को निर्देश जारी किए हैं।
– शिक्षकों की पदस्थापना में संतुलन का प्रयास 
यह कार्रवाई कलेक्टर डिंडौरी के निर्देश पर की जा रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य जिले में शिक्षकों की पदस्थापना व्यवस्था को युक्तियुक्त बनाना और संलग्न शिक्षकों को उनके मूल पदस्थापना स्थल पर भेजना है। इससे शिक्षा व्यवस्था में संतुलन लाने और शिक्षण कार्य की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद की जा रही है। सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे 11 अप्रैल को अपने क्षेत्र के संकुल प्राचार्यों के साथ बैठक कर संबंधित जानकारी संकलित करें और निर्धारित प्रारूप में इसे विभागीय बैठक में प्रस्तुत करें।
 – समस्त स्कूलों मांगी गई जानकारी 
बैठक में प्रस्तुत की जाने वाली जानकारी में निम्न बिंदु अनिवार्य रूप से शामिल होंगे
– शिक्षक का नाम,पदनाम
– मूल पदस्थापना विद्यालय का नाम और स्थान
– वर्तमान संलग्नीकरण विद्यालय का नाम और स्थान
– संलग्नीकरण आदेश का विवरण (जारी करने की तिथि एवं क्रमांक)
इसके अतिरिक्त, निम्न सूचनाएं भी अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करनी होंगी 
– शून्य शिक्षकीय विद्यालयों की सूची
– एकमात्र शिक्षक वाले विद्यालयों की जानकारी
– अतिशेष शिक्षक जिनकी संख्या उनके विद्यालय में निर्धारित मानक से अधिक ह
– शिक्षकों के मनमानी पदस्थापना से बिगड़ी व्यवस्था 
जिला प्रशासन का मानना है कि कई विद्यालयों में शिक्षक संलग्नीकरण के कारण असंतुलन की स्थिति बनी हुई है। कुछ स्कूलों में शिक्षक अनुपलब्ध हैं, जबकि कुछ स्थानों पर मानक से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। इस समीक्षा के बाद ऐसी व्यवस्थाओं में आवश्यक सुधार लाकर शिक्षकों को उनके मूल पदस्थापना स्थल पर भेजा जाएगा, जिससे शिक्षण गतिविधियों में स्थायित्व और निरंतरता आएगी।  कवायद को जिले में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे न केवल शिक्षा का स्तर सुधरेगा, बल्कि छात्रों को समय पर और उचित मार्गदर्शन भी मिल सकेगा।