डिंडौरी न्यूज । म.प्र. खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन एवं जिले में उपार्जन केंद्रों से प्रदाय धान के सत्यापन हेतु दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। कलेक्टर श्रीमती नेहा मारव्या के निर्देशानुसार, धान उपार्जन और मिलिंग में संभावित अनियमितताओं की जांच के लिए 5 सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया है।
जांच दल में डिप्टी कलेक्टर श्री रामबाबू देवांगन (अध्यक्ष), श्री अम्भोज श्रीवास्तव (संयोजक), सुश्री शानू चौधरी एआरसीएस (सदस्य), श्री अशोक राजपूत, जिला प्रबंधक एमपीएससीएससी (सदस्य) और श्री एच.एल. मरावी, जिला प्रबंधक एमपीडब्ल्यूएलसी (सदस्य) शामिल हैं।
जांच के प्रमुख बिंदु-
– समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की गोदामों में भंडारण स्थिति
– मिलर्स द्वारा उपार्जन केंद्र से उठाई गई धान में गड़बड़ी
– सीएसएमएस पोर्टल पर धान परिवहन में अनियमितताएं
– छोटे लोडिंग क्षमता के वाहनों का उपयोग और बार-बार फेरे लगाना
– अन्य राज्यों में कार्यरत वाहनों का पोर्टल पर दर्ज होना
– मिलिंग एवं सीएमआर जमा में अनियमितताएं
जांच दल को निर्देशित किया गया है कि वे उपार्जित धान की मात्रा, परिवहन की स्थिति, गोदामों में जमा धान, धान की कमी, मिलर्स को भुगतान की स्थिति, मिलर्स द्वारा प्रदाय धान, उठाव और सीएमआर जमा की विस्तृत जांच करें। वरिष्ठ सहायक श्री अरुण मौर्य जांच कार्य में आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराएंगे।
इसके अतिरिक्त, जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन द्वारा मिलर्स को धान के नए डिलीवरी ऑर्डर जारी नहीं किए जाएंगे। जांच उपरांत सही पाए जाने वाले मिलर्स को ही डिलीवरी ऑर्डर जारी किए जाएंगे। साथ ही, चावल की गुणवत्ता परीक्षण एवं एज टेस्ट को अनिवार्य किया जाएगा ताकि पुराने चावल की रीसाइक्लिंग को रोका जा सके।
जांच दल को एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी अनियमितता पाए जाने पर जिला उपार्जन समिति आवश्यक कार्रवाई करेगी और यदि शासन स्तर पर हस्तक्षेप की आवश्यकता हुई, तो तुरंत प्रतिवेदन भेजा जाएगा।