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Dindori News : प्रस्तावित बुढनेर बहुउद्देशीय परियोजना निरस्त कराने महापंचायत आयोजित

- अमरपुर के ढोलबीजा में हजारों की संख्या में महा पंचायत में शामिल हुए प्रभावित ग्रामींण

 

डिण्डौरी।  अपर बुढनेर वृहद बांध परियोजना निरस्त कराने को लेकर बुधवार को जिले के जनपद पंचायत अमरपुर के अंतर्गत ग्राम ढोलबीजा में महापंचायत आयोजित की गई। इस दौरान बांध प्रभावित किसानों ने एकजुट होकर बांध निरस्त करने की मांग को लेकर आवाज बुलंद की। महापंचायत के बाद राष्ट्रपति व राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया। किसानों ने बताया कि अपर बुढ़नेर वृहद बांध और सिंचाई परियोजना ग्राम पंचायत देवरी दादर ब्लाक मवई जिला मंडला में प्रस्तावित है, जिसकी लागत 628.69 करोड़ रूपये है। जिसमें 449 हेक्टेयर निजी भूमि 449 हेक्टेयर शासकीय भूमि और 664 हेक्टेयर वन भूमि है। डिंडौरी और मंडला जिले के कुल ग्राम पूर्ण या आंशिक रूप से डूब में शामिल हैं। सर्वे के दौरान पूरी ग्राम सभा में सहमति से बांध को निरस्त करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके बाद भी प्रशासन द्वारा जोर जबरदस्ती से नियम अधिनियम का उल्लंघन किया जा रहा है। जिससे ग्राम पंचायतों में अशांति और डर का माहौल है। इस संबंध में बांध निरस्त करने की मांग को लेकर सभी डूब प्रभावित क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों, सरपंचों और जनता एक दिवसीय महा पंचायत में शामिल हुए। डूब प्रभावित 22 गांव के किसानों ने मिलकर महापंचायत में सर्वसम्मति से निरस्त कराने की मांग की है।

’डिण्डौरी जिले की पांच पंचायतों के 9 गांव डूब क्षेत्र में’-

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महापंचायत में जनप्रतिनिधियों ने बताया कि प्रस्तावित बांध के चलते डिण्डौरी और मंडला जिले की कुल 9 पंचायत के 22 गांव डूब क्षेत्र में आ रहे हैं। डिण्डौरी जिले की 5 पंचायत के नौ गांव के सैकडों लोग ,किसान भी प्रभावित होंगे। बताया गया कि डिण्डौरी जिले के ग्राम दिवारी, कमको मोहनिया, खितगांव, जलेगांव, ढोलबीजा, जुनवानी, मौहारी, कोको, बीजा और लखनपुर गांव डूब क्षेत्र में आ रहे हैं। इन गांवों के सैकड़ो किसानो की जमीन चले जाने से उनके सामने जीवन यापन का संकट भी खड़ा हो जाएगा। पीएम जनमन प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय नई दिल्ली) के पत्र क्रमांक 23011ध्21ध्2011-एफआर दिनांक 12 फरवरी 2024 के आदेश पत्र में स्पष्ट लिखा है कि संविधान के अनुच्छेद पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम 1996 (पेसा), अनुसूचित जनजाति एवम अन्य परंपरागत वन निवासी (वन मान्यता कानून) अधिनियम 2006 अनुसूचित जाति एवम अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 भू अर्जन पुनर्विस्थापन एवम पुनर्वासन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 के तहत वर्णित प्रावधान का अनुपालन करते हुए 5 वीं अनुसूची क्षेत्र में विकास की परियोजनाओं हेतु भूमि अधिग्रहण, व्यापवर्तन की कार्यवाही किए जाने हेतु स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। लेकिन क्षेत्रीय प्रशासन नियम अधिनियम के विरुद्ध कार्य किए जाने के संबंध में महा पंचायत का आयोजन किया गया। इस दौरान रायसिंह मरकाम , रायंिसह नेताम , फूलंिसह मरकाम,षिवकुमार, फूलंिसह मरावी, बिमला धुर्वे, कामता परस्ते, मोती श्याम , गनपतसिंह, बलदेव सिंह, एवं बडी संख्या में महिला पुरूष मौजूद रहे ।

 

 

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Chetram Rajpoot

वर्ष 2010 से जमीनी स्तर पर खोजी पत्रकारिता कर रहे हैं, भेदभाव से परे न्याय, समानता, भाईचारा के बुनियादी उसूलों के साथ समाज के अंतिम व्यक्ति की आवाज शासन - प्रशासन तक पहुंचाने प्रतिबद्ध हैं।

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