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भ्रष्टाचारियों का आतंक : रोजगार सहायक राधेश्याम ने डुप्लीकेट चाबी बनवा सीट के नीचे रख दिया गाँजा…जाँच के बाद पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट में लगाया खात्मा…!
- ग्राम पंचायत चांदरानी में फर्जी दस्तावेजों के सहारे नोकरी हथियाने वाले रोजगार सहायक की काली करतूत उजागर, भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े के दम पर कमाए पैसों से सिस्टम को खरीदने की नाकाम कोशिश जारी...?
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डिंडौरी न्यूज़। समनापुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत चांदरानी में पदस्थ रोजगार सहायक राधेश्याम राजपूत द्वारा रोजगार सहायक भर्ती प्रक्रिया के दौरान मैरिट में अव्वल रहे रामकिशोर राजपूत को कम्प्यूटर डिप्लोमा के फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर साम,दाम, दंड, भेद की नीति पर चलते हुए नोकरी हथिया लिया था। जब रामकिशोर ठाकुर ने राधेश्याम द्वारा प्रस्तुत कम्प्यूटर डिप्लोमा की मान्यता को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में चुनौती दी तो पहले केस वापस लेने के लिए धमकाया,प्रलोभन दिया, केस वापस नहीं लेने पर अंजाम भुगतने की चेतवानी और अंततः जब रामकिशोर ने केस वापस लेने से मना किया तो साजिश रच कर, मोटरसाइकिल के नकली चाबी बनवा कर सीट के नीचे गाँजा रख दिया । पीड़ित राम किशोर समनापुर गया तब रोजगार सहायक या उसके सहयोगियों के इशारे पर पुलिस ने रामकिशोर के गाड़ी से 1 किलो 50 ग्राम गांजा बरामद करते हुए गिरफ्तार कर एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया गया जिससे निर्दोष को लगभग 42 दिनों तक न्यायिक हिरासत में जेल में बंद रहना पड़ा..?
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रोजगार सहायक ने रची साजिश, मोटरसाइकिल की चाबी व्हाट्सएप पर लेकर नकली चाबी से किया खेल…
समनापुर थाना में दिनाँक 31/01/2024 को अपराध क्रमांक 40/24 , एनडीपीएस एक्ट की धारा 08/20 के तहत मामला दर्ज करते हुए आरोपी रामकिशोर राजपूत को गिरफ्तार कर 01/02/2024 को न्यायालय में पेश किया गया था जिसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद क्षेत्र में काफी आक्रोश देखा गया था, वही रोजगार सहायक के सहयोगी द्वारा किसी व्यक्ति से एक किलो गाँजा किसी मिशन कार्य के लिए उपलब्ध कराने के लिए मोबाइल में हुई बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग वाट्सएप ग्रुपों में वायरल हुआ था। आरोपी के पत्नी रमनी बाई ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत कर पति को षड्यंत्र रच कर गांजा प्रकरण में फँसाने का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की थी, जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते ने भी निष्पक्ष जांच कराने को लेकर ज्ञापन सौंपा था।
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तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल ने एसडीओपी केके त्रिपाठी को जाँच का जिम्मा सौंपा था,विशेष न्यायालय द्वारा अनुमति जारी करने के बाद गंभीरता से जांच शुरू होते ही भ्रष्टाचारी रोजगार सहायक और उसके गैंग के काले करतूतों से परत दर परत पर्दा उठ गया। एसडीओपी द्वारा मामलें की विवेचना के दौरान साक्षी मुकेश राठौर ने बताया कि राधेश्याम राजपूत द्वारा प्रकरण के आरोपी रामकिशोर राजपूत के मोटरसाइकिल की चाबी की फ़ोटो व्हाट्सएप के द्वारा मंगाया गया था और उसी दिनाँक को डिंडौरी निवासी शिवप्रसाद उर्फ बब्लू वैश्य के माध्यम से मुकेश राठौर द्वारा व्हाट्सएप पर भेजे गए चाबी की फोटो दिखाकर आरोपी रामकिशोर के मोटरसाइकिल की दूसरी डुप्लीकेट चाबी बनवाया था।
विवेचना के दौरान प्रथम दृष्ट्या पाया गया कि पुरानी रंजिश वश रोजगार सहायक राधेश्याम राजपूत द्वारा मोटरसाइकिल क्रमांक एमपी 18 एसएस 8374 के डुप्लिकेट चाबी बनवाकर सीट के नीचे मादक पदार्थ गाँजा रखकर पुलिस को सूचना देकर फंसा दिया है। मामलें की जांच उपरांत पुलिस अधीक्षक एवं अभियोजन अधिकारी द्वारा रामकिशोर राजपूत निर्दोष है उसे षड्यंत्र कर फँसाया गया, जिसका ज्यूडिशियल रिमांड समाप्त कर ख़ारजी प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था। विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट डिंडौरी, हिदायत उल्ला खान ने मामले में जांच के दौरान आये तथ्यों के मद्देनजर एवं पुलिस द्वारा ज्यूडिशियल रिमांड समाप्त करने सबंधी आवेदन प्रस्तुत करने पर दिनाँक 11/03/2024 को रिहाई आदेश जारी किया ।
षड्यंत्र का कौन हैं मास्टर माइंड…?
डिंडौरी जिले में पैसों के दम पर कुछ भी सम्भव है, यहाँ पैसा फेंक, तमाशा देख, जैसे कहावत रोज चरितार्थ होते हुए देखा जा सकता है…? चांदरानी निवासी रामकिशोर को जिस तरह उसके गाड़ी के डुप्लीकेट चाबी बनवाकर सीट के नीचे गाँजा रखकर फँसाया गया है… जिसे देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यदि पैसा और रसूख है तो किसी भी बेगुनाह पर जुल्म कर जेल भी भेजा जा सकता हैं,उक्त षड्यंत्र मामलें के मास्टर माइंड के विरूध्द पुलिस द्वारा सख्त कार्रवाई किया जाना चाहिए जिससे भविष्य में कोई भी भ्रष्ट व्यक्ति पैसों के दम पर निर्दोषों को प्रताड़ित करने की हिमाकत न करें।