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Dindori Crime News: फर्जी डीएड डिप्लोमा से अध्यापक वर्ग में संविलियन होने तथा फर्जी डिप्लोमा रैकेट में शामिल 02 शिक्षकों को 06-06 माह की सजा

akvlive.in

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डिंडौरी न्यूज़।मीडिया सेल प्रभारी श्री मनोज कुमार वर्मा अभियोजन अधिकारी द्वारा बताया गया कि, थाना समनापुर के अप0क्र0 95/2018 के आरोपी  अजमेर दास सोनवानी पिता मुकुंदीदास उम्र 48 वर्ष आरोपी एवम मुकेश द्विवेदी उर्फ गुडडू पिता जगदीश प्रसाद उम्र 43 वर्ष आरोपी एवं आरोपी 3. देवेन्‍द्र उर्फ दीपक बर्मन पिता लक्ष्‍मीप्रसाद बर्मन को डी.एड. की फर्जी मार्कशीट बनाकर नौकरी पाने, शासन को धोखा देने के मामले में सुनवाई करते हुए न्‍यायालय प्रथम अपर सत्र न्‍यायाधीश डिण्‍डौरी द्वारा आरोपी अजमेरदास एवं आरोपी मुकेश द्विवेदी को धारा 120 बी सहपठित धारा 465 भादवि के अपराध के लिए 06-06 माह सश्रम कारावास एवं 5000/- रू. के अर्थदण्‍ड एवं आरोपी देवेन्‍द्र उर्फ दीपक को धारा 120 बी सहपठित धारा 465 भादवि के अपराध के लिए 06 माह सश्रम कारावास एवं 5000/- रू. तथा धारा 465 भादवि के अपराध के लिए 06 माह सश्रम कारावास एवं 5000/- रू. अर्थदण्‍ड से दण्डित किया । अर्थदण्‍ड की राशि अदा नहीं किए जाने पर प्रत्‍येक व्‍यतिक्रम के लिए 01-01 माह का अतिरिक्‍त सश्रम कारावास भुगताये जाने का आदेश पारित किया गया ।

 

 

– ये हैं पूरा मामला

मामले में अभियुक्‍तगण के विरूद्ध भादवि की धारा 120-बी सहपठित धारा 420, 467, 471 भादवि के अंतर्गत यह आरोप है कि उन्‍होंने वर्ष 2007 से वर्ष 2014 के मध्‍य जिला डिण्‍डौरी एवं जिला कटनी में एक साथ मिलकर डी.एड. की अंकसूची जो एक मूल्‍यवान प्रतिभूति है की कूटरचना करने शासन को धोखा देने एवं कूटरचित अंकसूची को असली के रूप में उपयोग करने का आपराधिक षडयंत्र किया जिसके अग्रसरण में अभियुक्‍त देवेन्‍द्र ने अजमेरदास की अंकसूचियों की कूटरचना की एवं उक्‍त अभियुक्‍तों द्वारा उसे असली के रूप में उपयोग किया ।

 

 

अभियुक्‍त अजमेरदास के विरूद्ध भादवि की धारा 420 एवं 471 के अंतर्गत यह भी आरोप है कि उक्‍त अवधि में उन्‍होने डी.एड की कूटकृत अंकसूची प्रस्‍तुत कर शासन को धोखा देकर अभियुक्‍त अजमेरदास ने सहायक अध्‍यापक संवर्ग से अध्‍यापक के पद पर नियुक्ति(संविलियन) प्राप्‍त कर छल कारित किया और उक्‍त डी.एड. की कूटकृत अंकसूची को जानते हुए असली के रूप में उपयोग किया । अभियुक्‍त देवेन्‍द्र उर्फ दीपक पर भादवि की धारा 467 के अंतर्गत यह भी आरोप है कि उसने उक्‍त अवधि के दौरान अपने निवास ग्राम बलही जिला कटनी में सह अभियुक्‍त अजमेरदास की डी.एड. की अंकसूचियों की कूटरचना की । विवेचना में संकलित साक्ष्‍य के आधार पर अभियोग पत्र माननीय न्‍यायालय के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया । तदुपरांत अभियोजन के साक्ष्‍य एवं तर्कों से सहमत होते हुए माननीय न्‍यायालय प्रथम अपर सत्र न्‍यायाधीश डिण्‍डौरी द्वारा उपरोक्‍तानुसार दण्‍ड से दण्डित किया गया ।

 

 

Chetram Rajpoot

वर्ष 2010 से जमीनी स्तर पर खोजी पत्रकारिता कर रहे हैं, भेदभाव से परे न्याय, समानता, भाईचारा के बुनियादी उसूलों के साथ समाज के अंतिम व्यक्ति की आवाज शासन - प्रशासन तक पहुंचाने प्रतिबद्ध हैं।

Chetram Rajpoot

वर्ष 2010 से जमीनी स्तर पर खोजी पत्रकारिता कर रहे हैं, भेदभाव से परे न्याय, समानता, भाईचारा के बुनियादी उसूलों के साथ समाज के अंतिम व्यक्ति की आवाज शासन - प्रशासन तक पहुंचाने प्रतिबद्ध हैं।