. – डिंडौरी: शिक्षा सत्र 2025-26 से पहले सभी शालाओं में शिक्षक पदस्थापना सुनिश्चित करने की कवायद तेज़
– शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर जिला प्रशासन सक्रिय, 30 अप्रैल से पहले जारी होंगे आदेश
डिंडौरी न्यूज । डिंडौरी जिले में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया को जिला प्रशासन ने तेज़ कर दिया है। भोपाल स्थित जनजातीय कार्य विभाग मंत्रालय के निर्देशानुसार, कलेक्टर नेहा मारव्या सिंह और सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग की निगरानी में सभी विकास खंड शिक्षा अधिकारियों से अतिशेष शिक्षकों की सूची और रिक्त पदों की जानकारी मांगी गई थी।
प्राप्त सूचनाओं के आधार पर, इन शिक्षकों को शून्य शिक्षकीय शालाओं और विषयवार रिक्त पदों पर युक्तियुक्त रूप से समायोजित किया जा रहा है। सभी अतिशेष शिक्षकों से विकल्प पत्र भरवाए गए हैं, और संभावना जताई जा रही है कि 25 अप्रैल तक स्थानांतरण आदेश जारी कर दिए जाएंगे। यह आदेश 30 अप्रैल से पहले पूर्ण रूप से लागू हो सकते हैं।
नए शैक्षणिक सत्र में जिले की सभी शालाओं में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन पूरी तरह कटिबद्ध है। विकास खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा संलग्नीकरण की प्रक्रिया समाप्त कर युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है।

महिलाओं और विकलांग शिक्षकों को विशेष प्राथमिकता
इस प्रक्रिया में महिला और विकलांग शिक्षकों को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे न सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि शिक्षक संसाधनों का न्यायसंगत वितरण भी सुनिश्चित हो सकेगा।
शहपुरा विकासखंड में 5 शिक्षण संस्थाओं के विकल्प भरने के निर्देश
जनजातीय कार्य विभाग के निर्देश पर, विकासखंड शहपुरा में पदस्थ अतिशेष शिक्षकों को 17 से 21 अप्रैल 2025 तक कार्यालय में उपस्थित होकर विकल्प पत्र जमा करना अनिवार्य किया गया है। जारी पत्र क्रमांक 65/वि.खं.शि.अधि./यु.यु.क./2025-26 के अनुसार, शिक्षकों को कम से कम एक शून्य शिक्षकीय संस्था का चयन करना होगा। प्राथमिक शिक्षक केवल प्राथमिक शालाओं का, जबकि माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक शिक्षक उच्च स्तर की संस्थाओं का चयन कर सकते हैं।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी शहपुरा ने इस सूचना को विभागीय सूचना पटल पर प्रदर्शित भी कर दिया है तथा इसकी प्रतिलिपि सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग डिंडौरी को भी भेजी गई है।
शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में अहम पहल
यह कदम जिले में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और सभी शालाओं में शिक्षकों की न्यायसंगत पदस्थापना सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण और सराहनीय पहल मानी जा रही है।