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निरीक्षण में खुली पोल: मिड डे मील की गुणवत्ता खराब,भवन जर्जर

akvlive.in

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गोरखपुर । डिंडौरी जिले के बजाग तहसील अंतर्गत गांव कस्बा में संचालित सरकारी स्कूलों की दशा दिशा सुधारने हेतु बजाग अनुविभागीय अधिकारी एसडीएम रामबाबू देवांगन के निर्देशानुसार हल्का पटवारियों के माध्यम से निरंतर जांच निरीक्षण किया जा रहा हैं शुक्रवार को इसी कड़ी में कस्बा गाड़ासरई स्थित एकीकृत शाला का निरीक्षण पटवारी वसीम कुरैशी और अवदेश यादव ने किया। निरीक्षण के दौरान जो तथ्य सामने आए, उन्होंने शिक्षा व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया।

82 बच्चे उपस्थित, पर मिड डे मील मीनू के अनुरूप नहीं

विद्यालय में कुल 103 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं, जिनमें से निरीक्षण के दौरान 82 बच्चे उपस्थित पाए गए। बच्चों की उपस्थिति संतोषजनक कही जा सकती है, लेकिन सबसे बड़ी समस्या मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) की गुणवत्ता और मीनू पालन को लेकर सामने आई।

जांच के दौरान भ्रमण दल ने स्वयं मध्यान्ह भोजन का स्वाद चखा। उस दिन बच्चों को दाल-चावल और आलू की सब्जी परोसी जा रही थी, जबकि शासन द्वारा तय मीनू के अनुसार उस दिन हरे मटर की सब्जी उपलब्ध कराई जानी थी। इससे स्पष्ट है कि मीनू का पालन नियमित रूप से नहीं किया जा रहा है।

मिड डे मील योजना का उद्देश्य बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराकर उनकी पोषण स्थिति में सुधार करना और विद्यालय में उनकी उपस्थिति बढ़ाना है। किंतु यदि भोजन न तो गुणवत्तापूर्ण हो और न ही मीनू के अनुरूप, तो इस योजना का मूल उद्देश्य ही प्रभावित होता है। कई अभिभावकों ने भी इस बात पर चिंता जताई कि बच्चों को अक्सर साधारण और कम पोषक भोजन परोसा जाता है, जबकि शासन इसके लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध कराता है।

विद्यालय भवन की स्थिति चिंताजनक

निरीक्षण दल ने विद्यालय भवन का भी जायजा लिया। भवन के छत में से कई स्थानों से बारिश का पानी सीधा कमरे में टपकता हैं बरसात के दिनों में इस स्थिति से बच्चों और शिक्षकों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं।

शिक्षकों ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को अवगत कराया कि विद्यालय भवन वर्षों से मरम्मत के इंतजार में है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यदि समय रहते इसकी मरम्मत नहीं हुई तो कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।

शौचालय अनुपयोगी, स्वच्छता की गंभीर समस्या

निरीक्षण का सबसे गंभीर पहलू विद्यालय में स्वच्छता और शौचालयों की स्थिति रही। विद्यालय परिसर में उपलब्ध शौचालय पूरी तरह जर्जर और अनुपयोगी पाए गए। बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय नहीं हैं, और जो बने हुए हैं वे गंदगी और टूटी-फूटी हालत के कारण उपयोग लायक नहीं हैं।

स्वच्छता की ऐसी स्थिति न केवल बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि विद्यालय की गरिमा और पढ़ाई-लिखाई के माहौल को भी प्रभावित करती है। अभिभावकों ने भी इस विषय पर नाराजगी व्यक्त की कि बच्चियां विशेष रूप से शौचालय की समस्या से परेशान होती हैं और कई बार इसी कारण से उनकी पढ़ाई बाधित हो जाती है।

शिक्षकों की उपस्थिति

निरीक्षण के समय विद्यालय के प्राचार्य प्रहलाद सिंह धुर्वे सहित अन्य शिक्षक भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने शिक्षकों से शैक्षणिक गतिविधियों और बच्चों की पढ़ाई को लेकर जानकारी ली। यद्यपि शिक्षक अपनी ड्यूटी पर उपस्थित थे, लेकिन विद्यालय की भौतिक स्थितियां इतनी खराब पाई गईं कि शैक्षणिक गतिविधियों पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

शासन की योजनाओं पर सवाल

ग्राम गाड़ासरई शाला का निरीक्षण केवल एक उदाहरण है। जिले के कई विद्यालयों में इसी तरह की समस्याएं पाई जाती हैं। सरकार द्वारा करोड़ों रुपये की योजनाएं और बजट तो जारी किए जाते हैं, परंतु जमीनी स्तर पर इनका सही क्रियान्वयन नहीं हो पाता।

मिड डे मील की लापरवाही, भवनों की जर्जर स्थिति और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी यह साबित करती है कि शिक्षा के बुनियादी ढांचे में सुधार की तत्काल आवश्यकता है।

अधिकारियों ने दिए निर्देश

निरीक्षण के बाद अधिकारियों ने विद्यालय प्रबंधन को चेतावनी दी और मिड डे मील में मीनू का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए। साथ ही विद्यालय भवन की मरम्मत और शौचालय की स्थिति सुधारने के लिए भी उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजने का आश्वासन दिया।

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..