होम राज्य मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़़ क्राइम न्यूज इंटरनेशनल न्यूज कोर्ट न्यूज राजनीति संसदीय संपादकीय अर्थ जगत हेल्थ शिक्षा खेल विज्ञान

जैविक एवं परंपरागत खेती को बढ़ावा देने कृषि विभाग ने चलाया जागरूकता अभियान

akvlive.in

Published

– ग्राम भलखोहा में किसानों को दी गई प्राकृतिक खेती की जानकारी
गोरखपुर/डिंडौरी। करंजिया विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत भलखोहा में शनिवार को कृषि विभाग की आत्मा परियोजना के तहत राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के अंतर्गत किसानों को जैविक व परंपरागत खेती के प्रति जागरूक किया गया। इस दौरान कृषि विस्तार अधिकारी हर्षवर्धन चौधरी एवं सिजेंटा संस्था के संदीप मेहरा द्वारा किसानों को मृदा परीक्षण, नरवाई प्रबंधन और मिश्रित फसल पद्धति की विस्तृत जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में क्लस्टर गठन, कृषि सखी का चयन, मृदा पुनर्जीवन, जलवायु गुणवत्ता सुधार, जैव विविधता संवर्धन, पोषक तत्वों से भरपूर उत्पादन एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर चर्चा की गई।
मिट्टी परीक्षण से मिलेगा उपज बढ़ाने का रास्ता
श्री चौधरी ने किसानों से आग्रह किया कि वे बीज बोने से पहले मृदा परीक्षण अवश्य कराएं ताकि खेत की उर्वरता के अनुसार सही खाद और बीज का चयन किया जा सके। उन्होंने मृदा नमूना लेने की विधि और उसके लाभों की जानकारी भी दी।
बीजोपचार और उन्नत किस्मों से होगी बेहतर उपज
कार्यक्रम में बीजोपचार, कतारबद्ध बुवाई और उन्नत बीजों के प्रयोग की सलाह दी गई। साथ ही कोदो, कुटकी एवं रागी जैसी पारंपरिक फसलों को बढ़ावा देने पर भी बल दिया गया।
जैविक खाद और कीटनाशक बनाने की विधि बताई
कृषि अधिकारियों ने जैविक खेती के अंतर्गत मटका खाद, नाडेप टांका, वर्मी कम्पोस्ट और जैविक कीटनाशक बनाने की विधियां भी बताईं। इसके अलावा कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत ऑनलाइन पंजीयन व आधुनिक तकनीकों से उत्पादन बढ़ाने पर भी चर्चा की गई।
नरवाई जलाने से नुकसान, वैकल्पिक उपायों पर बल
अधिकारियों ने खेतों में नरवाई जलाने से बचने की सलाह दी और बताया कि इससे मिट्टी के पोषक तत्व नष्ट होते हैं, जिससे फसलों की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
उपस्थित रहे दर्जनों किसान
इस जागरूकता अभियान में क्षेत्र के दर्जनों छोटे-बड़े किसान मौजूद रहे और उन्होंने प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए रुचि दिखाई। कृषि विभाग ने आशा जताई कि यदि किसान सुझाए गए तरीकों को अपनाएं, तो निश्चित ही खेती को लाभकारी व्यवसाय में बदला जा सकता है।

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..

Chetram Rajpoot

चेतराम राजपूत मध्यभूमि के बोल समाचार पत्र के संपादक हैं। 2013 से इस दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने madhyabhoomi.in को विश्वसनीय समाचार स्रोत बनाया है, जो मुख्यधारा की मीडिया से अलग, विकास, समानता, आर्थिक और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है। हम सच्चाई और पारदर्शिता में विश्वास रखते हैं। मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयासरत हैं। बेखौफ कलम... जो लिखता है बेलिबास सच..