डिंडौरी न्यूज। गुरूवार को कलेक्ट्रेट ऑडिटोरियम में अनुविभागीय अधिकारी के अंतर्गत आने वाले विकासखंड समनापुर, अमरपुर एवं डिंडौरी के जनपद सीईओ और रेंजर्स, पटवारी, सचिव, मोबेलाइजर, को वन अधिकार के पट्टे बांटने को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया। और कैसे ग्राम पंचायत ,राजस्व और वन कर्मियों को फील्ड में भेजकर पात्र हितग्राहियों के चयन की प्रक्रिया बताई। उक्त प्रशिक्षण में डिप्टी कलेक्टर श्री अक्षय, एसडीओ वन विभाग श्री सुरेन्द्र जाटव, तहसीलदार श्री शशांक शेण्डे सहित अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
एसडीएम ने अधिकारियों को बताया कि ग्राम पंचायत या ग्राम सभा में जागरूकता के अभाव में वन अधिकार के पात्र हितग्राही कितनी जमीन पर काबिज है इसकी जानकारी नहीं दे पा रहे है। इसलिए ग्राम पंचायत के सचिव, रोजगार सहायक, पटवारी और बीट गार्ड आज 01 मई को प्रशिक्षण दिया गया। 3 मई से 10 मई तक वन ग्रामों में जाकर पात्र वन अधिकार धारक कितनी जमीन पर काबिज है या उसे जमीन लीज पर मिली है।उसका नक्शा और सीमा सत्यापित करेंगे।

एसडीएम ने बताया कि ग्राम स्तरीय समिति, ग्राम पंचायत या फिर ग्राम सभा वन भूमि पर काबिज हितग्राहियों का चयन करेगी। इस काम में पटवारी और बीट गार्ड उनका सहयोग करेंगे। संकल्प पारित होने के बाद आवेदन ग्राम सभा में जाएगा, प्रस्ताव में पटवारी और बीट गार्ड अपना अभिमत उसी प्रपत्र में देंगे। इसके बाद ग्राम पंचायत अपना प्रस्ताव उपखंड स्तरीय समिति के पास भेजेगी। समिति में सीईओ , एसडीओ और एसडीएम के साथ तीन अशासकीय सदस्य होंगे। समिति आवेदनों की जांच करेंगे और दस्तावेज में कमी पाए जाने पर फिर ग्राम सभा को भेजेंगे। ग्राम सभा या तो दस्तावेज कंप्लीट कर वापस भेजेगी या फिर निरस्त करेगी। इसके बाद उपखंड स्तरीय समिति से सीधे जिला स्तरीय समिति के पास आवेदन आयेंगे। जिला स्तरीय समिति में कलेक्टर, डी एफ ओ और सहायक आयुक्त के साथ तीन अशासकीय सदस्य होंगे ,जो आवेदनों की जांच करेंगे। यह पूरी प्रक्रिया डेढ़ महीने में पूरी करनी है।ताकि पात्र हितग्राहियों को वन अधिकार के पट्टे वितरित किए जा सके।