Home / C-MAM कार्यक्रम के तहत पोषण पखवाड़ा: कुपोषण से लड़ने हेतु सामुदायिक भागीदारी की मिसाल

C-MAM कार्यक्रम के तहत पोषण पखवाड़ा: कुपोषण से लड़ने हेतु सामुदायिक भागीदारी की मिसाल

डिंडौरी जिले में बच्चों के पोषण स्तर को सुधारने के लिए ज़ोरदार पहल डिंडौरी न्यूज।  महिला एवं बाल विकास संचालनालय के निर्देशानुसार ...

Photo of author

Chetram Rajpoot

Post date

Chetram Rajpoot

Published on:

डिंडौरी जिले में बच्चों के पोषण स्तर को सुधारने के लिए ज़ोरदार पहल
डिंडौरी न्यूज।  महिला एवं बाल विकास संचालनालय के निर्देशानुसार जिले में पोषण पखवाड़ा अभियान के अंतर्गत C-MAM (Community-Based Management of Acute Malnutrition) कार्यक्रम के तहत व्यापक स्तर पर गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस अभियान का उद्देश्य बच्चों के बीच कुपोषण की पहचान, निगरानी और समय पर उपचार सुनिश्चित करना रहा।
– मुख्य गतिविधियाँ
-10 दिवसीय ‘शारीरिक माप दिवस’ की शुरुआत के साथ चिन्हित बच्चों की नियमित रूप से ऊँचाई और वजन माप की जा रही है।
-SAM (Severe Acute Malnutrition), MAM (Moderate Acute Malnutrition) और SUW (Severe Underweight) बच्चों -की C-MAM कार्यक्रम में पंजीकरण कर, आवश्यकतानुसार उपचार की व्यवस्था की गई।
-गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की स्क्रीनिंग और मेडिकल रेफरल किया गया।
-पोषण ट्रैकर ऐप के लाभार्थी मॉड्यूल को लोकप्रिय बनाने हेतु विशेष गृह भेंट अभियान चलाया गया।
-माता-पिता और अभिभावकों को तीन माह के अंतराल पर पोषण परामर्श प्रदान कर जागरूक किया गया।
जन-जागरूकता और सहभागिता 
पखवाड़े के दौरान जिलेभर के आंगनबाड़ी केंद्रों पर आयोजित गतिविधियों में शामिल रहीं:
स्वास्थ्य परीक्षण शिविर
खाद्य एवं पोषण प्रदर्शनी
पोषण रैली और संवाद सत्र
संतुलित आहार पर आधारित कार्यशालाएं
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जागरूकता अभियानों के माध्यम से समुदाय को पोषण के महत्व से अवगत कराया गया।
अयोध्या सिंह राठौड़ परियोजना अधिकारी, समनापुर ने कहा:  “पोषण केवल भोजन नहीं, एक समग्र जीवनशैली है। इस अभियान का उद्देश्य हर परिवार तक सही जानकारी पहुँचाना है।”
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री श्यास  सिंगौर ने “थीम ‘सामुदायिक भागीदारी से कुपोषण पर वार’ के तहत गाँव-गाँव में संवाद सत्र आयोजित किए गए, जिससे यह अभियान अब एक सामाजिक आंदोलन बन रहा है।” इस अभियान में महिला समूहों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, शिक्षक, CHO, और स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी रही। कार्यक्रम का संचालन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, आयुष विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण/शहरी विकास विभाग के सहयोग से किया गया।
RNVLive