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Dindori News : तहसीलदार के नोटिस से किसानों में आक्रोश, भारतीय किसान संघ ने सौंपा ज्ञापन

शहपुरा न्यूज।  शहपुरा तहसील क्षेत्र में किसानों के बीच उस समय आक्रोश फैल गया जब तहसीलदार कार्यालय द्वारा पराली जलाने के आरोप ...

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Chetram Rajpoot

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शहपुरा न्यूज।  शहपुरा तहसील क्षेत्र में किसानों के बीच उस समय आक्रोश फैल गया जब तहसीलदार कार्यालय द्वारा पराली जलाने के आरोप में करीब 142 किसानों को नोटिस जारी कर दिए गए। कई किसानों ने आरोप लगाया कि उनके खेतों में आग लगने की कोई घटना ही नहीं हुई थी, इसके बावजूद उन्हें नोटिस थमा दिया गया, जिससे उन्हें अनावश्यक मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। कुछ किसानों ने यह भी बताया कि उनके खेतों में आग आसपास के खेतों से फैलकर पहुंची थी, जिसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं थी और न ही उन्होंने जानबूझकर पराली जलाई थी। बावजूद इसके, प्रशासन द्वारा बिना गहन जांच के किसानों को दोषी ठहराया जा रहा है।
इस मामले के प्रकाश में आने पर भारतीय किसान संघ ने तुरंत सक्रियता दिखाई। संगठन के जिला और तहसील स्तर के पदाधिकारियों ने शहपुरा तहसील कार्यालय पहुंचकर तहसीलदार को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में किसानों को भेजे गए नोटिसों को तत्काल निरस्त करने और दोषियों की निष्पक्ष जांच करने की मांग की गई।
ज्ञापन सौंपने पहुंचे प्रमुख पदाधिकारी
ज्ञापन सौंपने के दौरान भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष बिहारी लाल साहू, जिलामंत्री एडवोकेट निर्मल कुमार साहू, शहपुरा तहसील अध्यक्ष प्रमोद कुमार मौर्य, सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुमार साहू सहित दर्जनों किसान मौजूद रहे। किसानों ने एक स्वर में प्रशासन के इस कदम की निंदा करते हुए इसे किसान विरोधी मानसिकता का परिचायक बताया।
संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी
भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि किसानों के खिलाफ जारी नोटिस वापस नहीं लिए गए और उन्हें अनावश्यक रूप से प्रताड़ित किया गया, तो संघ चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने को बाध्य होगा। इस दौरान जिले भर के किसानों को संगठित कर व्यापक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
किसानों की मांगें-
ज्ञापन में किसानों की ओर से निम्नलिखित प्रमुख मांगें रखी गईं:
-सभी 142 किसानों को जारी किए गए नोटिसों की निष्पक्ष जांच कर निरस्तीकरण किया जाए।
-जिन किसानों के खेतों में आग फैली थी, उन्हें दोषमुक्त कर वास्तविक कारणों की जांच की जाए।
-भविष्य में किसानों को बिना जांच के परेशान करने की घटनाओं पर रोक लगाई जाए।
-प्रशासन किसान हितैषी रवैया अपनाए और संवाद के जरिए समस्याओं का समाधान करे।
किसानों का कहना है कि वे पहले से ही आर्थिक तंगी और मौसम की मार से जूझ रहे हैं, ऐसे में इस तरह के नोटिस उनके लिए अतिरिक्त संकट पैदा कर रहे हैं।
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