डिंडौरी। समनापुर विकासखंड मुख्यालय स्थित कन्या आश्रम (अंग्रेजी माध्यम) में दशकों से पदस्थ अधीक्षिका धानी मोगरे की मनमानी और लापरवाही लगातार चर्चाओं में बनी हुई है। हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो में छात्राओं से साफ-सफाई कराए जाने का मामला सामने आया था, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने उसे भी मामूली बता कर मामले को दबा दिया।
सूत्रों के अनुसार, आश्रम की अधीक्षिका के स्थान पर उनके पति विभिन्न आधिकारिक कार्यों में हस्ताक्षर कर रहे हैं। यहां तक कि राशन दुकान से आश्रम के लिए आवंटित राशन का उठाव भी अधीक्षिका के पति द्वारा किया जा रहा है, जिसमें वह अधीक्षिका के नाम पर दस्तखत करते हैं। यह स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है, लेकिन स्थानीय अधिकारियों की चुप्पी इस अव्यवस्था को संरक्षण देती नजर आ रही है।
इस मामले में सबसे गंभीर बात यह है कि कुछ दिन पहले कलेक्टर नेहा मारव्या ने आश्रम का निरीक्षण कर व्यवस्था सुधारने के सख्त निर्देश दिए थे। लेकिन इन निर्देशों के बाद भी व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं हुआ, बल्कि हालात और बिगड़ते जा रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अधीक्षिका को वर्षों से अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है, जिससे वह अपने पद का दुरुपयोग कर रही हैं। छात्राओं की सुरक्षा, पोषण और शिक्षा जैसी बुनियादी आवश्यकताओं पर भी सवाल उठ रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि कलेक्टर स्तर पर हुए निरीक्षण और स्पष्ट निर्देशों के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी इस गंभीर लापरवाही पर क्या ठोस कार्रवाई करते हैं, या यह मामला भी बाकी मामलों की तरह फाइलों में दबा रह जाएगा।