डिंडौरी न्यूज। मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद, विकासखंड डिंडोरी में आयोजित बैठक के दौरान ‘जल गंगा संवर्धन योजना’ के अंतर्गत माँ नर्मदा जी के पवित्र डेम घाट पर भव्य स्वच्छता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य माँ नर्मदा की निर्मलता को बनाए रखते हुए स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश जन-जन तक पहुँचाना था।
कार्यक्रम में विकासखंड समन्वयक श्री गणेश राजपूत जी के नेतृत्व में नवांकुर संस्था के कई सक्रिय सदस्य, जिनमें अजय ठाकुर, भीखम सिंह, अरुण कुमार चंदेल, मनोज मार्को, प्रेमलाल बनवासी, राजीव बर्मन और शरद कुमार यादव प्रमुख रूप से शामिल रहे। सभी सदस्यों ने समर्पण भाव से माँ नर्मदा के तट पर सफाई अभियान चलाया और घाट से प्लास्टिक, कचरा व अन्य अवशेषों को हटाया।

माँ नर्मदा: हमारी संस्कृति और जीवन का प्रतीक
कार्यक्रम में उपस्थित सभी वक्ताओं ने इस बात पर बल दिया कि माँ नर्मदा न केवल मध्य प्रदेश बल्कि सम्पूर्ण भारत की संस्कृति, आस्था और जीवन का आधार हैं। उनकी स्वच्छता और संरक्षण हमारा नैतिक और सामाजिक कर्तव्य है। उपस्थितजनों ने कहा कि स्वच्छता केवल एक दिन का अभियान नहीं, बल्कि निरंतर प्रयास का परिणाम होनी चाहिए, ताकि हमारी भावी पीढ़ियाँ भी स्वच्छ नर्मदा का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।
पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता
सफाई अभियान के माध्यम से यह भी संदेश दिया गया कि प्राकृतिक जल स्रोतों की रक्षा करना केवल सरकार का नहीं, बल्कि हर नागरिक का दायित्व है। कार्यक्रम में इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि नदियों में प्लास्टिक और अन्य अपशिष्ट पदार्थ डालने से जल प्रदूषण बढ़ता है, जो पर्यावरण और जीव-जंतुओं के लिए भी हानिकारक है। अतः प्रत्येक व्यक्ति को जल स्रोतों के संरक्षण के लिए सजग और जिम्मेदार बनना चाहिए।
प्रेरणादायक पहल
आज का यह अभियान केवल सफाई तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह लोगों में जागरूकता फैलाने और सामूहिक प्रयास के महत्व को भी रेखांकित करता है। घाट को स्वच्छ करने के इस छोटे-से प्रयास के माध्यम से एक बड़ी सोच को जन्म दिया गया कि प्रकृति की सेवा, वास्तव में मानवता की सेवा है।
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित सदस्यों ने संकल्प लिया कि वे भविष्य में भी नियमित रूप से माँ नर्मदा के घाटों की स्वच्छता हेतु कार्य करते रहेंगे और जनसामान्य को भी इस अभियान से जोड़ने का प्रयास करेंगे।
आइए, हम सब मिलकर करें माँ नर्मदा का संरक्षण
माँ नर्मदा हमारे जीवन की धारा हैं, और उनकी निर्मलता को बनाए रखना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। इस तरह के आयोजनों से न केवल पर्यावरणीय चेतना को बल मिलता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी स्वच्छ जल और हरित पृथ्वी की सौगात दी जा सकती है।