– महारानी दुर्गावती के शौर्य,पराक्रम ,बलिदान को किया याद
डिंडौरी। गोंडवाना साम्राज्य गढ़ मंडला की महारानी दुर्गावती मरावी के बलिदान दिवस पर कमको मोहनिया में श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर जलेगांव,खितगांव,घेवरी सहित सभी क्षेत्रवासियों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित किया गया ,शौर्य,साहस,बलिदान और समानता की प्रतीक गोंडवाना साम्राज्य के मरावी वंश की महारानी दुर्गावती जैसे अनेक रानियों ने इस भूमि पर पूरी निष्ठा, काबिलियत और तत्परता से ना सिर्फ राज किया है,बल्कि इतिहास गवाह है कि सम्पूर्ण विश्व में समानता का सबसे प्रभावशाली संदेश दिया है ।
जिसमे नारी पुरुष मे कभी भेद नही रहा जिसका उदाहरण आदिवासी समाज के सैकडो रानी और उनके राजपाठ के ऐतेहासिक धरोहर उनके महलो मे दिखता है।शिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण आदिवासी समाज को इतिहास में उचित स्थान भले ही नही मिली हो परंतु आज भी किस्सा कहानियो और बडे-बडे एतिहासिक महल और गांवों में मौजूद बावलियों मे इतिहास का जीवंत प्रमाण मौजूद है जहां इतिहास को ना सिर्फ देखा जा सकता है बल्कि महसूस भी किया जा सकता है,वक्ताओ ने बताया कि इतिहास ही वह साधन और आत्मस्वाभिमान है जिसके बदौलत आज के युवा अपने समाज और राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव स्वयं मे जागृत कर सकते हैं।
रानी दुर्गावती मरावी जी का सम्पूर्ण जीवनकाल और क्रिया-कलाप देश ही नही विश्व में भी नारी पुरुष की समानता का संदेश देता है,ताकि लैंगिक भेदभाव के खिलाफ मजबूती से समाज और पीडित वर्ग मजबूती से अपना पक्ष रख सके।कार्यक्रम मे क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिक जे.एस.मरावी,टी.एस मरावी,सुकलाल मरकाम,चमरू धुर्वे,रामचरण कुशराम, श्रीमति उमामरावी,विमला पट्टा,रश्मि आर्मो,ज्योति आर्मो,गायत्री पंद्रे,कल्पना पंद्रे,रामप्यारी मरावी,श्यामा पडवार,राजाराम मरावी,डॉ.दिग्विजय मरावी,छोटे बच्चे एवं अन्य नागरिक उपस्थित रहें। उपस्थित जनों ने समाज की रानी को श्रद्धांजलि अर्पित कर राष्ट्र और समाज के प्रति उनके बलिदान को याद किया हैं।