डिंडौरी मध्यप्रदेश

अमृत सरोवर मिशन के तहत बनाया जाना था तालाब,बना रहे स्टॉपडेम और चेकडेम…?

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– प्रमुख सचिव ने अमृत सरोवर मिशन सूची से स्टॉपडेम/चेकडेमो को हटाने जारी किया पत्र
– केंद्र सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे जिम्मेदार अधिकारी, मनमानी उजागर
डिंडौरी। अमृत सरोवर मिशन के अंतर्गत जिले में युद्ध गति से स्टॉपडेम और चेकडेमो का निर्माण कार्य आरईएस विभाग के द्वारा कराया जा रहा है, जल्दबाजी में अधिकारियों ने ऐसे-ऐसे स्थलों में करोड़ो रूपये के निर्माण कार्य स्वीकृत कर निर्माण कार्य प्रारंभ किया हैं जिनके निर्माण से न तो जल संवर्धन होगा और न ही स्थानीय जनो कोई लाभ होगा..? कोविड संक्रमण के दौरान विगत वर्षों में हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा विभागीय अमले ने आपदा में अवसर तलाशने की तर्ज पर अमृत सरोवर के तहत तालाब निर्माण की जगह सैकड़ो की संख्या में स्टापडेम और चेकडेमो कि धड़ाधड़ स्वीकृति कर काम शुरू करा दिया गया है, अधिकारियों को यह भी समझ नहीं आया कि अमृत सरोवर जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि सरोवरो का निर्माण कार्य कराया जाना है, अमृत सरोवर के नाम पर बड़े पैमाने पर स्टापडेम और चेकडेम स्वीकृत किया गया है, जिले में जिस तरह से तमाम निर्माण कार्यो में तकनीकी मापदण्डो को ठेंगा दिखाते हुए बेरोकटोक घटिया निर्माण करा सामग्री खरीदी में भंडार क्रय अधिनियम को दरकिनार करते हुए सप्लायरों के आड़ में विभागीय अधिकारी चांदी काटने में लगे हुए हैं।अमृत सरोवर मिशन के पीछे केंद्र सरकार की यह है मंशा
आजादी के 75 वी वर्षगांठ पूरे होने के 75 साप्ताह पूर्व आजादी का अमृत महोत्सव का शुभारंभ किया गया है, इस पल को गाँव गाँव तक मे यादगार बनाने के लिए प्रत्येक जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवरों का निर्माण कार्य कराया जाना था,जिसमे प्रत्येक तालाब में कम से कम 10000 घनमीटर जल धारण की क्षमता का लक्ष्य रखा गया है। उक्त अमृत सरोवरों को दर्शनीय स्थलों के तौर पर विकसित करने का उद्देश्य भी शामिल हैं, समस्त अमृत सरोवरो में राष्ट्रीय ध्वजारोहण कर पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा लोकार्पण किया जाना प्रस्तावित है ।प्रमुख सचिव ने जारी किया पत्र,मचा हड़कंप
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने 25 मई को अमृत सरोवर के तहत कराये जा रहे निर्माण कार्यो को लेकर एक पत्र जारी किया हैं, जिससे विभाग में अफरा तफरी का माहौल है, अमृत सरोवर के तहत सैकड़ो की संख्या में निर्माण कार्य स्वीकृत किये गए है जिसमे से महज तालाबों की संख्या महज 29 हैं, शेष कार्य स्टॉपडेम और चेकडेम हैं। पत्र में उल्लेख है कि भारत सरकार द्वारा सिर्फ तालाबों को ही अमृत सरोवर के रूप में मान्य किया गया है, अमृत सरोवर के तहत संरचनाओं में चेकडेम/स्टापडेम शामिल है तो उन्हें अमृत सरोवर की सूची से पृथक करने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद जिले के विभागीय अधिकारी नए सिरे से कार्य स्थलों के निरीक्षण में जुट गए हैं। प्रमुख सचिव के द्वारा पत्र जारी करने के बाद जनचर्चा हैं कि केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी अमृत सरोवर मिशन के क्रियान्वयन में बड़े स्तर पर लापरवाही बरती गई है, बरती गई लापरवाही को लेकर किसकी जिम्मेदारी तय होगी यह आने वाले दिनों में तय होगा या नही साफ हो जाएगा।

 

 

 

 

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