– तालाब में पानी रुकने का जगह ही नही है,फिर भी करोड़ो खर्च किया जा रहा है
– प्रशासन और विभाग के लापरवाही, भृष्टाचार का स्मारक बनेगें अमृत सरोवर के कार्य..?
– वर्षो से विभाग में जमे उपयंत्रियों की मनमानी चरम पर
डिंडौरी। आजादी के 75 वर्षगांठ 2022 में पूरे हो रहे हैं, जिसको लेकर पूरे देश में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है,केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी अमृत महोत्सव के तहत विभिन्न योजना परियोजना एवं विकास कार्य कराए जा रहे हैं, जिले में अमृत महोत्सव के अंतर्गत बड़े पैमाने पर नवीन तालाब और स्टापडेम/चेकडेमो का निर्माण आरईएस विभाग द्वारा तेजी से कराया जा रहा है,वही विभाग के द्वारा निर्माण कार्यो में बरती जा रही मनमानी और अनियमितताओं को लेकर चर्चा है कि अमृत सरोवर के नाम पर अधिकारी स्वयं अमृत पान करने की जुगत में लगे हुए हैं। समनापुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत पड़रिया 03 में अमृत सरोवर अभियान के तहत महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत नवीन तालाब निर्माण कार्य के नाम पर 97 लाख रुपये स्वीकृत कर उपयंत्री के चहेते ठेकेदार के माध्यम से कार्य कराया जा रहा है। आरईएस विभाग के द्वारा करोड़ो रूपये खर्च कर बनाये जा रहे तालाब के उपयोगिता को लेकर सवाल उठ रहे हैं, ग्रामीणों ने बताया कि दो पहाड़ो के बीच में महज बरसाती नाला में तालाब बनाया जा रहा है जहाँ मात्र बरसात के दिनों में ही पानी रुकेगा,वही स्थल में मुरुम हैं जिससे पानी सूख जाएगा। आसपास न तो खेत हैं ना ही उक्त तालाब में ग्रामीण किसी भी तरह से उपयोग कर पाएंगे,एक तरह से अधिकारी और ठेकेदार अमृत सरोवर की आड़ में अपना विकास कर रहे हैं।
पानी के लिए पानी की तरह बहा रहे पैसा,क्या रुकेगा पानी
प्रशासन के द्वारा जल संरक्षण और संवर्धन के लिए करोड़ो रूपये ऐसे कार्य स्थलों में व्यय किया जा रहा है जिसका न तो ग्रामीणों को लाभ मिलेगा और ना ही शासन के मंशा अनुसार जल संरक्षण होगा। पड़रिया 03 में करोड़ो रूपये की लागत से जिस स्थान पर तालाब बनाया जा रहा है उसके तलीय क्षेत्र में मुरुम हैं जिससे पानी रुकने की संभावना नहीं है, वही ग्रामीण भी उक्त स्थल में निस्तार के लिए उपयोग नही कर सकेंगें…? वही जिस क्षेत्र में जल भराव के लिए बनाया जा रहा है वह ऊँचाई पर है। इस तरह से अनुपयोगी और अनुपयुक्त स्थलों में कराये जा रहे निर्माण कार्य आने वाले दिनों में अमृत सरोवर और प्रसाशन के नाकामियों के जिंदा स्मारक बने हुए नजर आएंगे।ठेकेदार को किया जा रहा उपकृत
आरईएस विभाग में वर्षो से पदस्थ उक्त उपयंत्री के द्वारा अपने चहेते ठेकेदार को उपकृत करने के लिए इस तरह के कार्य कराया जा रहा है,वही तकनीकी जानकारों ने बताया कि तालाब का निर्माण जल संरक्षण, सिंचाई और ग्रामीणों के निस्तार के लिए कराया जाना चाहिए किंतु उक्त तालाब में किसी भी कारण का सफल होना नजर नहीं आ रहा है।