तहसीलदार का चालक चला रहा तहसील
(मानपुर/उमरिया)
मानपुर स्थित तहसील कार्यालय का संचालन अनाधिकृत रूप से तहसीलदार महोदय के ड्राइवर के द्वारा किया जा रहा है तहसील से जुड़े सभी मामलों जैसे जमीन की नाप भूमि पर स्थगन जारी करना खारिज करना डिमार्केशन इत्यादि सभी कार्यों में साहब के चहेते ड्राइवर का दखल और हिस्सा तय है बगैर इनकी स्वीकृत की कोई भी काम नहीं हो सकता इन दिनों कोरोना कॉल में कोरोनावायरस के दौरान गाइडलाइन का उल्लंघन करने वाले दुकानों की सीलिंग की कार्यवाही हो अथवा उन्हें खुलवाने का जिम्मा हो सब कुछ साहब के ड्राइवर ने ले रखा है और इस भीषण महामारी के संकटकाल में दुकानदार व्यापारियों से जमकर वसूली की जा रही है खबर यह भी मिली है कि कुछ व्यापारियों को हिस्सा तय होने के बाद चढो़त्री मिलने पर दुकान खोलने की मौन स्वीकृति भी इस संपूर्ण लॉकडाउन में ड्राइवर साहब के द्वारा दी जा रही इतना ही नहीं वाहनों की चेकिंग के नाम पर वसूली पशुधन के चारे भूसे की गाड़ियों से मनमाफिक वसूली कर कि उन्हें आगे बढ़ने दिया जाता है सूत्रों की माने तो तहसीलदार की गाड़ी चलाने वाले इस चघ्घड़ चालक ने अभी तक तीन तहसीलदारों को ऐसे ही चला कर यहां से विदा भी कर दिया हालांकि वर्तमान तहसीलदार महोदय अपने हाथों से किसी से कुछ नहीं लेते लेकिन उनका यह माध्यम ही काफी जिसके अंदर में पटवारी कानूनगो और तहसील का सारा महकमा और इन्हीं ड्राइवर साहब के निर्देश पर तहसील में फाइल ले आगे बढ़ती किसी को अगर अपना काला गोरा काम करवाना हो तो इन चालक महोदय से संपर्क कर ले और चढ़ोत्तरी कर दे रात में भी ऑफिस का वह काम हो जाएगा जो दिन में संभव नहीं हुआ करता इतना ही नहीं तहसीलदार के ड्राइवर होने की इसी रसूख के दम पर इनके द्वारा लंका टोला एवं डंडी टोला स्थित स्कूल शासकीय विद्यालय में स्व सहायता समूह का संचालन भी किया जा रहा है जिसके तहत एमडीएम का सारा आवंटन इनके घर पहुंचता है और बच्चों को कुछ भी नहीं दिया जाता शिक्षक इस बाबत आवाज उठाने से डरते हैं कि साहब का ड्राइवर है कहीं हमें ही लेने के देने न पड़ जाए इस तरह से इनके द्वारा मध्यान भोजन जैसी महत्वाकांक्षी योजना अंतर्गत नौनिहालों के मुंह से उनके हक का निवाला भी छीना जा रहा है इतना ही नहीं संबंधित खाद्यान्न का आवंटन जारी होने पर संबंधित कोटेदार के पास पहुंचकर उसे भी अपने रसूख का जलवा दिखा कर एक बोरी खाद्यान्न एक्स्ट्रा साहब के नाम पर इन ड्राइवर साहब द्वारा लिया जाता है इतना ही नहीं प्रत्येक सरकारी उचित मूल्य की दुकानों से मिट्टी का तेल केरोसिन एवं शक्कर का नजराना हर कोटेदार को नियमित रूप से प्रतिमाह इन ड्राइवर साहब को मुफ्त में देना होता चाहे दारु की दुकान हो अथवा दूध की महुआ का कारोबार हो अथवा राइस मिल सब में ड्राइवर साहब का हिसाब फिक्स है अगर बराबर माल नहीं मिला तो खैर मत समझो सूत्रों के अनुसार तहसीलदार महोदय के इन ड्राइवर साहब के द्वारा कई व्यापारियों और धनाढ्य का नाम भी गरीबी रेखा की सूची में दर्ज करवाने का काम कर लाखों कमाए गए हैं इसकी भी जांच होनी चाहिए कुल मिलाकर तहसीलदार महोदय के ड्राइवर के द्वारा हर महीने लाखों की वसूली की जा रही है जिसका कोई हिसाब नहीं अब यह तो साहब ही बता सकेंगे की उक्त ड्राइवर साहब को इतना तिया-पांचा करने की छूट किसने दे रखी है बहरहाल इन ड्राइवर साहब से प्रताड़ित लोगों ने जिले के संवेदनशील कलेक्टर महोदय से मानपुर तहसीलदार के नाम पर चल रही इस खुली लूट पर संज्ञान लेकर अंकुश लगाने की मांग की है।