रितेश गुप्ता/कोरबा
कोरबा/बैरा/कलेक्टर के कड़े निर्देशो की धज्जियां उड़ाते खनिज विभाग के अधिकारी/रेत माफियाओं के हौसले बुलंद,
ग्रामीणों ने की लीज स्वीकृति निरस्त करने की मांग
तत्कालीन कलेक्टर किरण कौशल ने अवैध रूप से रेत का उत्खनन करने, और अवैध रूप से भण्डारित रेत के प्रकरणों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए लीज प्राप्त संस्था की लीज स्वीकृति निरस्त करते हुए उनके खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं।
किंतु कलेक्टर के कड़े निर्देशो को भी दरकिनार करते हुए अधिकारियों द्वारा रेत माफियाओं को संरक्षण दिया गया है
दरअसल पोड़ी उपरोड़ा के बैरा बम्हनी नदी रेत खदान में पूर्व में भी अवैध तरीके से रेत का भंडारण करना पाया गया था …..जिसमे हाइवा एवम पोकलेन जब्त से अवैध रेत का भंडारण करना बताया गया था !
जिसमे मशीनों की जब्ती की कार्यवाही तो की गई थी किन्तु कलेक्टर के निर्देशों को दरकिनार कर कार्यवाही के नाम पर लीपापोती की गई थी ! जिसके कारण फिर से बैरा बम्हनी नदी से रेत उत्खनन कर अवैध भंडारण किया जा रहा है ! किंतु कार्यवाही का ना होना अधिकारियों की लापरवाही या मिलीभगत को प्रर्दशित करता है…!
दरअसल बरसात के 4 महीने तक किसी भी नदी से रेत निकालने पर पाबंदी होती है. लेकिन कोरबा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में इसका पालन नही हो रहा है !
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की मनाही के बाद भी पोड़ी उपरोड़ा के बैरा बम्हनी नदी में रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन जोरो पर है। बेखौफ रेत तस्कर एनजीटी द्वारा लागू नियमों को ठेंगा दिखा खुलेआम नदियों से अवैध उत्खनन कर अवैध भंडारण को अंजाम दे रहे है। तस्करों द्वारा क्षेत्र की नदियों से रेत निकाल कर अवैध डंप किया जा रहा है ताकि बाद में उसे खपाया जा सके। वही इस मामले की जानकारी होने के बाद भी खनिज विभाग की चुप्पी रेत तस्करी को बढ़ावा दे रही है।
माफियाओं द्वारा एनजीटी के नियमो को ठेंगा दिखा बेखौफ बम्हनी नदी से प्रतिदिन अवैध रूप से 50 से 100 ट्रैक्टर रेत दिनदहाड़े खपाया जा रहा है। खोदाई की वजह से नदी में जगह-जगह काफी गहरे गड्ढे बन गए हैं जो जानमाल के लिहाज से जानलेवा साबित हो सकते है। वही इस अवैध उत्खनन एवं रेत तस्करी को लेकर ग्रामीणों ने कई बार शासन-प्रशासन का ध्यानाकर्षण कराया। रेत खनन के चक्कर में नदी के भविष्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव की भी जानकारी दी लेकिन ग्रामीणों की किसी ने नही सुनी। जिसका ये दुष्परिणाम है कि आज भी रेत तस्कर एनजीटी द्वारा प्रतिबंध लगाने के बाद भी नदी से बालू का अवैध उत्खनन कर रेत तस्करी को बेखौफ होकर अंजाम दे रहे है।
भंडारण भी नियम विरुद्ध-
नदी से अवैध रेत उत्खनन कर तस्करी करने वाले रेत तस्कर नदी के कई इलाकों में अवैध रूप से रेत संग्रहण केंद्र भी बना रखे है। जहां बगैर पिट पास के नियम विरुद्ध नदी से रेत उत्खनन कर ट्रेक्टर के जरिए संग्रहित कराते है और वहां से हाइवा या अन्य बड़ी वाहनों के माध्यम से खुलेआम मार्केट में खपाते है। ये खेल सरकारी तंत्र के नाक के नीचे लंबे समय से खुलेआम चल रहा है पर क्या मजाल की वो अवैध रेत तस्करों पर हाथ डाल सके !!!