– पंचायतों एवं ग्रामीण विकास विभाग का 70 हजार अमला अनश्चितकालीन हड़ताल पर
– आश्वासन नहीं अनार्थिक मांगों के आदेश चाहिए,मांगो पर अड़ा सयुंक्त मोर्चा
डिण्डौरी । म.प्र . पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 70 हजार अमले ने अपनी मांगों को लेकर अपना आंदोलन तेज कर दिया है । वही संयुक्त मार्चा ने चर्चा / वार्ता के रास्ते खोले रखते हुये पंचायत मत्री महेनद्र सिसोदया के बुलावे पर 18 संगठनों के प्रदेश अध्यक्ष मंत्री के बंगले पर पहुंचे थे , लेकिन सिर्फ आश्वासन के सिवाये कुछ नहीं बताया गया । पंचायत मंत्री ने मांगों को गंभीरता से सुना है । लेकिन प्रमुख सचिव एवं विभागीय सचिव और मनरेगा कमिश्नर की मांगा चर्चा एवं सहमति हेतु बैठक में अनुपस्थित होने के कारण मात्र पंचायत विभाग के अधिकारी / कर्मचारियों की मांगों की मौखिक चर्चा हुई और मंत्री जी का आश्वासन मात्र मिला है । जिस पर मोर्चा ने आपति जताते हुये कहा है कि आश्वासन नहीं अनार्थिक मांगों के आदेश चाहिए । उक्त आशय की जानकारी देते हुये मोर्चा के प्रदेश संयोजक श्री दिनेश शर्मा , सहसंयोजक श्री रोशन परमार ने देकर बताया कि हमारी मांगों पर सरकार की कोई रुचि नहीं दिखने के कारण प्रदेश के 52 जिलों में पंचायत अमले में भारी आक्रोश है । प्रदेश संयोजक दिनेश शर्मा ने मंत्री जी को बताया कि पंचायत सीईओ और उपयंत्री की आत्महत्या कोई शौकिया नहीं है बल्कि अति कार्यभार और प्रताडना है । वही संविदा 5 जून 2018 की नीति ठण्डे बस्ते में पड़ी है । वहीं कम्प्यूटर ऑपरेटर व मनरेगा सहित समस्त कर्मचारियों को और अधिकारियों की मांगें सरकार का अमला फाईलों में दया कर बैठा है । पंचायत सचिवों के वर्ष 2018 में दिये गये छठवें वेतनमान में कैबिनेट के निर्णय व निर्देश के विपरीत वेतन की गणना के आदेश जारी किये गये थे । वहीं पदोन्नति एवं अनुकंपा एवं जिला जनपद के कर्मचारी सहित समस्त कर्मचारियों की मांगों की फाइलें दबी पड़ी है । आजीविका मिशन , पीएमएवाय ( जी ) , सोसल ऑडिट , सहायक विस्तार अधिकारी और डीआरडीए स्वच्छ भारत मिशन अभियंता डिप्लोमा इंजीयनीयरिंग , जिनकी महत्वपूर्ण सेवायें है और सरकार की उदासीनता के चलते समस्त मनरेगा संविदा व समस्त कर्मचारी संवर्ग खून के आंसू रो रहा है । पंचायत मंत्री ने आश्वासन दिया कि मैं मुख्यमंत्री से चर्चा भी करूंगा और वर्क आउट भी करूंगा । इस प्रकार मोर्चा व्दारा निर्णय लिया गया कि वर्क आउट कराना एवं समितियां बनाना यह सब लटकाने के आधार है । मांगों के निराकरण पर अड़े संयुक्त मार्यों ने प्रेस को संबोधित करते हुये पंचायत मंत्री जी के बंगले के सामने ही पूर्व नियोजित व प्रस्तावित 22 जुलाई के विशाल आंदोलन का शंखनाद करने का निर्णय लिया है । मोर्चा के सभी प्रदेश अध्यक्षों ने निर्णय लिया और निर्देश जारी किया कि प्रदेश के 313 जनपद एवं 52 जिला मुख्यालयों पर 22 जुलाई को 100 प्रतिशत उपस्थिति के रूप में मसाल जलाकर धरने एवं आंदोलन का शुभारंभ किया जावेगा । राजधानी भोपाल एवं जनपद पंचायत फंदा में मसाल जलाकर विशाल धरना प्रदर्शन कर मसाल प्रज्वलित की जावेगी एवं जिला पंचायत सीईओ को समस्त कर्मचारी अपनी अनार्थिक मांगों को पूरा कराने के लिये पुनः स्मरण ज्ञापन सौंपेंगे । प्रदेश के समस्त धरने मसाल प्रज्वलित कर शुरू किये जायें । मोर्च ने सरकार से मांग की है कि यदि सरकार को मांगे पूरी करने में 15 या 20 दिन का समय लगता है तो प्रदेश के मुख्यमंत्री , प्रमुख सचिव की उपस्थिति में एक – एक संगठन की मांगों पर पृथक – पृथक चर्चा करें । तभी इस आंदोलन एवं मांगों का हल निकाल सकेगा ।