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ग्राम पंचायत खम्हेरा में बोल्डर परिवहन के नाम पर उपयंत्री मिश्रा के चहेते सप्लायर को हुआ लाखों रुपए का फर्जी भुगतान, शेष पर लगी रोक
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-केंद्र सरकार के द्वारा शत प्रतिशत वित्त पोषित मनरेगा में डाल रहे डांका
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– सहायक यंत्री आरजी श्रीवास्तव के मिलीभगत से हुआ फर्जी बिलो से लाखों रुपये की हेराफेरी
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– बैगेर परिवहन के 25 लाख भुगतान हुआ ,35 लाख रुपये पर लगी रोक
मध्यभूमि के बोल,संवाददाता
डिंडोरी। आदिवासी बहुल बजाग जनपद में पदस्थ रहे उपयंत्री दिनेश मिश्रा जिन्हें लोकायुक्त पुलिस ने भरे बाजार सप्लायर से 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ाया था और सहायक यंत्री आरजी श्रीवास्तव के द्वारा पद का दुरुपयोग करते हुए बड़े पैमाने पर भृष्टाचार करते हुए लाखों रुपये के फर्जी बिलो का मूल्यांकन और सत्यापन करते हुए केंद्र सरकार के खजाने में बेखोफ होकर सेंध लगाया जा रहा है, फर्जीवाड़े के खेल में कही न कही जनपद सीईओ के संलिप्तता और संरक्षण से इनके हौसले बुलंद हैं । पंचायत एवं ग्रामीण विकास के दिशा निर्देश के अनुसार सहायक यंत्री के द्वारा कार्यो के स्थल परीक्षण से लेकर कार्यो के प्रगति एवं गुणवत्ता का सत्यापन करना भी होता है लेकिन बजाग जनपद पंचायत में पदस्थ सहायक यंत्री के द्वारा घर बैठे हैं अपना हिस्सा समेटते हुए सत्यापन कर भुगतान कराया जा रहा है।
बजाग जनपद पंचायत अंतर्गत वन बाहुल्य क्षेत्र ग्राम पंचायत खमहेरा में मनरेगा योजना के तहत स्वीकृत बोल्डर चेकडेम एवं गलिपलग के कार्यो में फर्जी बिल बाउचर तैयार करते हुए ग्राम पंचायत के कारिंदों ने तकनिकी अधिकारियों से मिलीभगत कर केंद्र सरकार के खजाने से लाखों रुपये का आहरण किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 में ग्राम पंचायत के द्वारा जंगल एवं पहाड़ी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर बोल्डर चेकडेम का निर्माण कार्य कराने के आड़ में बोल्डर परिवहन के नाम पर सप्लायरों को लगभग 25 लाख रु से अधिक का भुगतान किया जा चुका है और फ़िलहाल 35 लाख रुपये परिवहन के नाम पर बिल मनरेगा में लगा हुआ है,जबकि जिन स्थलों में बोल्डर चेकडेम बनाये गए हैं उन स्थलों में बड़े पैमाने पर प्राकृतिक रूप से बोल्डर/पत्थर प्रचुर मात्रा में आज भी उपलब्ध हैं जिसका फायदा ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव से लेकर उपयंत्री मिश्रा एवं सहायक यंत्री द्वारा उठाते हुए परिवहन के फर्जी बिल तैयार कर केंद्र सरकार के खजाने में सेंधमारी की गई है।
उक्त मामले की खबर मध्यभूमि के बोल पोर्टल में पूर्व में प्रकाशित करने के बाद कलेक्टर ने भुगतान पर रोक लगाते हुए जांच के निर्देश दिए थे,जिसके चलते लगभग परिवहन के नाम पर दर्ज राशि लगभग 35 लाख रुपये का भुगतान रुका हुआ है लेकिन उक्त मामले में जांच किस स्तर पर लंबित इस बात की जानकारी नहीं है।
उपयंत्री मिश्रा का खास गुरुकृपा मटेरियल सप्लायर कौन ….?
रंगे हाथों लोकायुक्त से पकड़ाने के बाद उपयंत्री दिनेश मिश्रा की काले कारनामें की उच्च स्तरीय जांच कराये जाने की मांग उठ रही हैं।बजाग जनपद पंचायत उपयंत्री मिश्रा के प्रभार के 10 ग्राम पंचायतों में गुरुकृपा मटेरियल सप्लायर के करोड़ो रूपये का फर्जी बिल लगा हुआ है,ऐसे में सवाल खड़े होता है कि आखिर ये फर्जीवाड़े का सहभागी सप्लायर कौन हैं… सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार प्रमोद कुमार नामक व्यक्ति क्षेत्र में सेल्स मेन हैं,उसके पास किसी प्रकार का दुकान एवं वाहन नही है….उक्त सप्लायर का सिर्फ एक ही काम हैं कि भंडारे की तर्ज पर अपने खास पंचायतों एवं उपयंत्रियों को बिल बांटना एवं राशि खाता में आने के बाद अपना कमीशन काटकर शेष राशि उपयंत्री एवं सरपँच, सचिव को लौटना …..?
इनके द्वारा सिर्फ बिल बांटने के कारोबार में ही करोड़ो रूपये के बारे -न्यारे किया जा चुका हैं । उक्त सप्लायर के जीएसटी पोर्टल पर सर्च करने पर पता ग्राम मूनू बड़ तिराहा मेन बस स्टैंड के पास मण्डला का पता दर्ज हैं ….तो ये महाशय मंडला से आकर बजाग के वन बाहुल्य एवं अशिक्षित क्षेत्र में आकर फर्जीवाडा का कारोबार फैलाये हुए हैं।
उच्च स्तरीय समिति से जांच कराने पर करोड़ों रुपए का फर्जीवाडा होगा उजागर
उपयंत्री दिनेश मिश्रा के द्वारा सहायक यंत्री के मिलीभगत से बड़े पैमाने पर भृष्टाचार करते हुए करोड़ो रूपये के बारे-न्यारे किया गया है। पंचायत के कर्ता धर्ता तो यंहा तक बताते हैं कि उपयंत्री के द्वारा बगैर एमबी दर्ज किए ही सिर्फ बिल तैयार कर एक महीने से कम समय मे 2 करोड़ से भी अधिक राशि का मटेरियल के भुगतान सिर्फ मिश्रा के प्रभार के पंचायतो को किया जाता रहा है, यह सब करतुते सहायक यंत्री आर जी श्रीवास्तव के संरक्षण में ही होता रहा है, जानकार बताते है कि सिर्फ बजाग जनपद पंचायत में दिनेश मिश्रा के द्वारा भुगतान कराये गए बिलो ओर माप पुस्तिका की जांच हो जाये तो बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।