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मौत के 10 माह बाद बड़े बाबू कमलेश द्विवेदी पर एफआईआरउमरिया से प्रतिनिधि अनुज सेन की रिपोर्ट

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मौत के 10 माह बाद बड़े बाबू कमलेश द्विवेदी पर एफआईआर

कच्चे चिट्ठे में करोड़ों की फोर्जरी,पुलिस जुटी इन्वेस्टीगेशन में

मामला जिला लघु वनोपज सहकारी समिति का

मौत के दस माह बाद जिला लघु वनोपज सहकारी समिति के तत्कालीन बड़े बाबू कमलेश द्विवेदी के विरुद्ध वर्तमान बड़े बाबू सहायक वर्ग 3 संतोष पिता सरयू सिंह उम्र 36 वर्ष निवासी ग्राम अकमनिया थाना नोरोजाबाद की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने अपराध क्रम 358/21 धारा 409,420,407,471 ताहि के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर मामले को विवेचना में लिया है।इस मामले में तकरीबन 5 से 6 करोड़ की शासकीय राशि का चेक के माध्यम से हेर फेर की बात कही जा रही है।विदित हो कि आरोपी बड़े बाबू कमलेश द्विवेदी की वर्ष 2020 सितंबर माह में जबलपुर में इलाज के दौरान निधन हो गया था,उसके बाद से ही उन पर विभागीय स्तर पर शासकीय राशि के डबन के आरोप लगने लगे थे।मौत के दूसरे माह यानी वर्ष 2020 के माह अक्टूबर में ही विभागीय जांच शुरू हो गई थी,जिसमे विभागीय स्तर से क़ई दस्तावेज खंगाले गए थे।अब मौत के दस माह बाद विभागीय शिकायत के बाद कोतवाली पुलिस ने प्रकरण पंजीबद्ध किया है।सवाल इस बात का है कि विभागीय कैश बुक एवम चेक बुक सहित ज़रूरी दस्तावेज उच्च अधिकारियों की निगरानी में होते है,फिर आखिर इतनी बड़ी रकम सिर्फ बड़े बाबू कैसे हजम कर लिया।इस मामले में बड़े बाबू की मौत के बाद जिस तरह विभागीय जांच और अब शासकीय राशि के गबन सहित आपराधिक विश्वासघात,जाली दस्तावेज,विश्वास का आपराधिक हनन जैसे संगीन आरोप लगे है,कही न कही विभागीय स्तर में बड़े करप्शन की बू आ रही है।इस पूरे मामले में पुलिस इन्वेस्टीगेशन के बाद क़ई और विभागीय उच्च अधिकारियों के नपने की आशंका जताई जा रही है।

पुत्र की अनुकम्पा नियुक्ति पर सवाल

वर्ष 2012 में अनुकम्पा नियुक्ति पर उक्त मृतक बड़ा बाबू कमलेश द्विवेदी विभाग में पदस्त हुवा था,सूत्रों की माने तो विभागीय स्तर से जो अब दस्तावेज पुलिस को दिखाए गए है,उसमे वर्ष 2012 से ही उक्त फ़ौत बड़ा बाबू शासकीय राशि का फर्जी तरीके से आहरण कर गबन कर रहा था,सवाल इस बात का है कि मौत से पहले क्या विभाग को उक्त बड़े बाबू की कारगुज़ारियों की जानकारी नही थी,और अगर थी,तो विभागीय स्तर से क्या कार्यवाही की गई,और जांच में उस दौरान गबन का मामला साबित हुवा था,तो क्या विभाग ने कोई शिकायत पुलिस से की थी।इस पूरे मामले में कही न कही किसी बड़े नेक्सस या करप्शन से इनकार नही किया जा सकता,और अब उस पूरे नेक्सस को मृतक बड़े बाबू के सर मढ़ने की तैयारी की जा रही है।विदित हो कि आरोपी बड़े बाबू की मौत के बाद विभागीय स्तर से हुई जांच में गबन जैसे संगीन आरोप साबित हुवे थे,जिस वजह से विभाग ने पूरी राशि फिलहाल रोक ली है,वही पुत्र के अनुकम्पा नियुक्ति पर भी बड़ा सवाल लग गया है।

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