उमरिया

गरीबो के घरौंदों को तोड़ने वन कर्मियों का तांडव

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उमरिया से अनुज सेन की रिपोर्ट

गरीबो के घरौंदों को तोड़ने वन कर्मियों का तांडव

उमरिया ।बरसात के दिनों में दो जून की रोटी मुहैय्या होने गरीब आदिवासी किसान खेत पर फसल लगाने हल लगा रहे है,वही वन अमला गरीब आदिवासियों को ऐसा करने से रोक रहे है और जेल भेजने की धमकी भी दे रहे है।वन विकास निगम अंतर्गत वन परिक्षेत्र बिलासपुर के ग्राम टिकुरा पठारी निवासी दो दर्जन से अधिक गरीब आदिवासी किसानों ने इस बावत कलेक्टर से शिकायत की है।इस दौरान स्थानीय छोटे लाल सिंह,नारद सिंह,जयपाल सिंह,देवीदीन सिंह,हरछाटी सिंह,मल्लू सिंह,निरंजन सिंह,कमला बाई,कपसी बाई,श्याम बाई,मन्ती बाई,कृष्णा, रामबाई,सुमंत्री बाई,भानमती,सावित्री,शांति बाई,फगुनी बाई,लक्ष्मी मौजूद रही है।आदिवासी गरीब किसानों ने बताया कि पिछले क़ई वर्षों से उक्त क्षेत्र में हम काबिज है,कृषि कार्य कर किसी तरह परिवार का पालन पोषण कर रहे है,वही वन विकास निगम के अधिकारी कर्मचारी कृषि कार्य करने से रोक रहे है,उन्होंने यह भी बताया कि बीट गार्ड गजेंद्र गहरवार ने मौके पर पहुंचकर बदसलूकी की और जेल भेजने की धमकी दी है,जिससे सभी दहशत में है,गौरतलब है कि क़ई शिकायतकर्ताओं ने वन अधिकार पट्टे के लिए भी शासन स्तर से मांग की है,जिसकी कार्यवाही अपेक्षित है।इस मामले में वन परिक्षेत्राधिकारी राजेश्वर प्यासी ने बताया कि शिकायतकर्ता सभी आदिवासी कम्पार्टमेंट 39 में निवासरत है,इन्हें वन अधिकार का किसी तरह का पट्टा फिलहाल नही मिला है,इस वजह से उक्त स्थल को विभागीय कार्य से पृथक किया जा रहा है,इस पूरे मामले में क्या सही है और क्या गलत है,यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा,परन्तु गरीब आदिवासियों की शिकायत की माने तो विभागीय स्तर पर मौके पर पहुंच आदिवासियों के साथ धमकी या बदसलूकी नही की जानी चाहिए,बल्कि सहजता से उनके दस्तावेज खंगालकर विधिसंगत कार्यवाही की जानी चाहिए।

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